

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की बात की।
सीएम विष्णु देव साय ने दिखाई सख्ती
Raipur: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महानदी भवन में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने प्रशासनिक कार्यों के समयबद्ध, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी क्रियान्वयन पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य यह है कि प्रत्येक नीति और योजना को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुँचाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि कार्य में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कॉन्फ्रेंस के दौरान यह स्पष्ट किया कि सरकार के सभी कार्यक्रमों का आकलन केवल कागजी कार्रवाई से नहीं, बल्कि उनके ज़मीनी प्रभाव से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि "अधिकारियों की वास्तविक पहचान उनके कार्यों से होगी, और ये कार्य केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि जनता तक परिणाम के रूप में पहुँचने चाहिए।" मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक कर्मचारियों से कहा कि वे अपने कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें।
सीएम विष्णु देव साय ने दिखाई सख्ती
मुख्यमंत्री ने आगामी धान खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 नवंबर से शुरू होने वाली इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे।" साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी ख़रीद केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और पूरी पारदर्शिता बनाए रखी जाए।
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पात्र किसान को इससे वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी पात्र किसानों को समय सीमा के भीतर लाभ मिले। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना का विस्तार करने की बात कही और कहा कि इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए बैंक ऋण को ग्रामीण क्षेत्रों में और सुलभ बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि "गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अस्पतालों में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव और टीकाकरण के सत्यापन का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने मातृ एवं शिशु पोषण, निवारक रणनीतियाँ और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की बात भी की।
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शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को शून्य ड्रॉपआउट दर और शत-प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (GER) के लक्ष्यों को हासिल करना होगा। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे शिक्षा संसाधनों का कक्षा में सही उपयोग सुनिश्चित करें और परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य जल्द ही "मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता मिशन" की शुरुआत करेगा, जिसके तहत स्कूलों का सामाजिक ऑडिट किया जाएगा और ग्रेडिंग प्रणाली लागू की जाएगी। इससे राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और सभी जिलों में बेहतर प्रदर्शन को आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
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