

राजधानी दिल्ली में स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सर्वोच्च रैंक वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने का गौरव हासिल किया। इसके साथ ही समस्त भारतीय संस्थानों में तीसरे स्थान पर रहा।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने फिर रचा इतिहास (सोर्स- गूगल)
New Delhi: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए भारत की सर्वोच्च रैंक प्राप्त कर केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल किया है। 9 अक्टूबर 2025 को घोषित THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में जेएमआई ने विश्व स्तर पर 401–500 बैंड में स्थान पाया है और देश में तीसरे स्थान पर रही है।
शोध और शिक्षण उत्कृष्टता के अपने शानदार प्रदर्शन के साथ, जेएमआई ने पिछले वर्ष के 501–600 बैंड से आगे बढ़ते हुए इस वर्ष 401–500 बैंड में प्रवेश किया है। THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के इस 22वें संस्करण में 115 देशों और क्षेत्रों के 2,191 विश्वविद्यालय शामिल हैं। भारत में, जेएमआई से आगे केवल भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु (प्रथम स्थान) और सवीता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज़, चेन्नई (द्वितीय स्थान) हैं। यह उपलब्धि जेएमआई को भारत का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाती है जो अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के इस प्रतिष्ठित 401–500 बैंड में शामिल हुआ है।
इस शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जेएमआई के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने पूरी जामिया परिवार, विशेष रूप से आईक्यूएसी टीम को हार्दिक बधाई दी।
उन्होंने कहा, “यह उल्लेखनीय प्रदर्शन हमारे शिक्षकों, छात्रों, शोधकर्ताओं, पूर्व छात्रों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और उद्योग-अकादमिक सहयोग के सामूहिक प्रयासों, समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है, जिसने जामिया को अकादमिक उत्कृष्टता, अंतरराष्ट्रीयकरण और वैश्विक प्रासंगिकता के उच्च स्तर तक पहुँचाया है।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (सोर्स- गूगल)
उन्होंने आगे कहा कि “अत्याधुनिक शोध, अंतःविषयी शिक्षण और वैश्विक सहयोग पर जेएमआई का ध्यान अब ठोस परिणाम दे रहा है। हमें विश्वास है कि निकट भविष्य में जामिया शीर्ष 200 बैंड में भी स्थान प्राप्त करेगा।”
प्रो. आसिफ और प्रो. रिज़वी ने आगे कहा कि “जामिया ने अपने शिक्षण और शोध प्रोफ़ाइल को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर और सतत प्रयास किए हैं, जिनमें फैकल्टी विकास और शोध प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार, संसाधनों का बढ़ा आवंटन और एक ऐसा शैक्षणिक वातावरण विकसित करना शामिल है जहां शोध में उत्कृष्टता को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है।”
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THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में संस्थानों को पाँच प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षण, शोध परिवेश, शोध गुणवत्ता, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और उद्योग प्रभाव के अंतर्गत 18 प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर रैंक किया गया है।
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