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अलीगढ़ में संपत्ति विवाद ने दो जिंदगियां ले लीं। बेटे की गोली लगने से मौत के अगले दिन पिता ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
घर में मचा कोहराम
Aligarh: संपत्ति विवाद में गोली लगने से बेटे की मौत के अगले ही दिन पिता की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। इस दोहरे हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। शुक्रवार को बेटे के अंतिम संस्कार के कुछ ही घंटों बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती पिता ने भी दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद इलाके में शोक और तनाव का माहौल है। पुलिस ने मामले में नामजद सभी तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह सनसनीखेज घटना बरौला जाफराबाद क्षेत्र के मोहल्ला जाहरवीर नगर में गुरुवार सुबह करीब दस बजे हुई थी। यहां रहने वाले प्रवेश सिंह पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके चौथे नंबर के भाई बबलू का पहले ही निधन हो चुका था। परिवार मूल रूप से नगला बरौला का निवासी है। प्रवेश के पिता हरप्रसाद ने पैतृक संपत्ति की लिखा-पढ़ी प्रवेश को छोड़कर अपने अन्य तीन बेटों रवेंद्र, छोटे और दिनेश के नाम कर दी थी। इस फैसले से प्रवेश को कोई हिस्सा नहीं मिला।
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क्यों हुआ था विवाद?
प्रवेश अपने परिवार के साथ जाहरवीर नगर स्थित एक प्लॉट के एक हिस्से में रह रहे थे। इस प्लॉट को भी उनके पिता ने अन्य बेटों के नाम कर दिया था। इसी बात को लेकर लंबे समय से परिवार में विवाद चल रहा था। आरोप है कि रवेंद्र और दिनेश प्रवेश पर प्लॉट खाली करने और संपत्ति से बेदखल होने का दबाव बना रहे थे।
इस वजह से फायरिंग कर दी
गुरुवार को यह विवाद उस समय हिंसक हो गया, जब रवेंद्र, छोटे और दिनेश अपने परिवार की महिलाओं के साथ जाहरवीर नगर पहुंचे। प्लॉट को लेकर कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गई। आरोपितों ने प्रवेश सिंह और उनके बेटे सोनू पर फायरिंग कर दी।
युवक की मौके पर मौत
इस हमले में सोनू को दो गोलियां लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रवेश को एक गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
घर में मचा कोहराम
शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद सोनू का शव घर लाया गया। जवान बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। महिलाएं बिलख उठीं और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। पुलिस सुरक्षा के बीच सोनू का अंतिम संस्कार कराया गया। बेटे की चिता को अग्नि दिए जाने के बाद भी परिवार की चिंता खत्म नहीं हुई थी, क्योंकि प्रवेश की हालत गंभीर बनी हुई थी।
डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
देर रात डॉक्टरों ने प्रवेश सिंह को मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत के अगले ही दिन पिता की मौत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। प्रवेश के छोटे बेटे कृष्णगोपाल ने चाचा रवेंद्र, दिनेश और चचेरे भाई कृष्णा के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस खूनी संघर्ष के बाद परिवार के बुजुर्ग हरप्रसाद का जमीर भी जागा। महिलाओं ने संपत्ति में हिस्से की मांग को लेकर जाम लगाया था। इसके बाद हरप्रसाद संपत्ति में हिस्सा देने को राजी हुए। शुक्रवार को पुलिस की मौजूदगी में हरप्रसाद को तहसील ले जाया गया, जहां मृत सोनू के पांच वर्षीय बेटे और कृष्णगोपाल के नाम संपत्ति में से हिस्सा लिखित रूप में दर्ज कराया गया।