अजब-गजब: सिद्धार्थनगर के युवक को हुआ हत्या का अंदेशा, मौत से पहले किया आरोपियों को जेल भेजने का ये उपाय

सिद्धार्थनगर का अनिल ट्रेन में था। सफर के दौरान उसे अपनी हत्या का एहसास हो गया था। इसीलिए उसने अपने मोबाइल से उन संदिग्ध आरोपियों की फोटो खींचकर घर पर भेज दी थी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 December 2024, 4:01 PM IST
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सिद्धार्थनगरः ट्रेनों में जहर खुरानी का शिकार बनाकर भोले-भाले लोगों को लूटने का मामला अक्सर सामने आता रहता है। लेकिन पैसे की लालच में किसी को मार कर ट्रेन की पटरी पर फेंकने का यह मामला काफी संगीन और दिल दहला देने वाला है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिद्धार्थनगर जिले के लोटन कोतवाली क्षेत्र के भिटपरा गांव का रहने वाला 38 वर्षीय अनिल राजभर मुंबई में काम करता था। चार महीने काम करके कुछ पैसा कमा कर वह खुशी-खुशी अपने घर लौट रहा था। घर पर उसकी बीवी, बच्चे और भाई-बहन उसके आने का इंतजार कर रहे थे। अनिल राजभर मुंबई से 15 दिसंबर की सुबह अंतोदय ट्रेन से सिद्धार्थनगर के लिए खुशी-खुशी निकला था। 

हत्यारोपी

जानकारी के अनुसार उसने ट्रेन में बैठ कर घर वालों से बात भी की। सब कुछ सामान्य था। लेकिन करीब 11:00 बजे उसने घर पर पत्नी को फोन कर बताया कि ट्रेन में कुछ बदमाश उसके पीछे लग गए हैं और उनसे उसकी कुछ कहासुनी भी हो गई है। उसे डर है कि वे लोग उसे मार डालेंगे। उसने अपनी पत्नी को बताया कि मैंने चुपके से मोबाइल में उनकी फोटो भी खींच ली है, जिसे मैं भेज रहा हूं। अगर मेरे साथ कोई घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार यही लोग होंगे। तुम इन लोगों को छोड़ना नहीं।

शामगढ़ थाना ने परिजनों को दी जानकारी

यह सुनकर उसकी पत्नी और घरवाले परेशान हो गए और रास्ते में उससे संपर्क बनाए रखा। लेकिन दोपहर 2 बजे के बाद उससे संपर्क नहीं हो सका। इसी परेशानी और उधेड़बुन में रात के करीब 11 बजे गए।

मृतक की पत्नी

अनिल राजभर की पत्नी और भाई के अनुसार रात 11 बजे मध्य प्रदेश के शामगढ़ थाने से उनके पास फोन आया। वहां के थाना इंचार्ज ने उन्हें वह दहला देने वाली खबर दी, जिसका उन्हें अंदेशा था।

थाना अध्यक्ष ने बताया कि शामगढ़ स्टेशन की पटरी के पास एक शव मिला है। आधार कार्ड और मोबाइल से शव की पहचान अनिल राजभर के रूप में की गई है। आप लोग यहां आकर शव की शिनाख्त कर लें।

यह सुनकर अनिल के घर पर कोहराम मच गया। उसका बड़ा भाई और कुछ रिश्तेदार बताए गए पते पर पहुंचे और वहां उन्होंने अपने भाई के शव को देखा। अनिल का शव टुकड़ों में बट गया था। सिर और एक हाथ भी गायब था। 

बचे हुए कपड़े और शव के हिस्सों से उन्होंने अपने भाई का शव होने की पुष्टि की। डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को अनिल के भाई ने बताया कि थाने की पुलिस ने इस मामले की ट्रेन दुर्घटना में मृत्य की एफआईआर दर्ज की है। लेकिन शव का पोस्टमार्टम कराया गया या नहीं इसके बारे में पूछने पर उन लोगों को कोई भी तसल्लीबख्श जानकारी नहीं दी गई। 

शव से मिले कपड़े और अन्य सामानों को पुलिस ने अपनी सुपुर्दगी में लेकर शव उन्हें सुपुर्द कर दिया। मृतक अनिल के परिजनों का कहना है कि उनके भाई की हत्या उसी व्यक्ति और उसके साथियों ने की है जिसकी फोटो अनिल ने उन लोगों के पास भेजी थी और अपनी हत्या करने का अंदेशा जताया था।

परिजन भेजी गई तस्वीर में मौजूद व्यक्ति और उसके अन्य साथियों को इस हत्या के लिए दोषी मानते हुए उसे ढूंढ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अपनी हत्या से पहले अनिल ने संदिग्ध आरोपियों की फोटो भेजकर बहुत बड़ा सुबूत पुलिस को दे दिया है। अब देखना यह होगा कि गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनिल राजभर की हत्या में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस कितनी तत्परता दिखाती है।

हालांकि एक फोटो के अलावा उन लोगों के बारे में और कोई भी जानकारी नहीं है। लेकिन सोशल मीडिया के इस जमाने में फोटो के आधार पर इन हत्यारों का पता लगाना बहुत मुश्किल काम नहीं है। अगर पुलिस इस गरीब परिवार को न्याय दिलाने के लिए कमर कस ले तो इस जघन्य अपराध में शामिल हत्या आरोपी जरूर पकड़े जाएंगे और आगे इस तरह की घटनाएं रुकेंगी।