Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, नहीं चला पाकिस्तानी कार्ड

मुंबई धमाकों के आरोपी तहव्वुर राणा की बचने की सभी याचिकाओं पर पानी फिर गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 March 2025, 10:19 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। 
उसने दलील दी थी कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाता है तो वहां उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इससे पहले तहव्वुर राणा ने अपने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए नई चाल चली थी। राणा ने अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका दायर की थी।

राणा ने अपनी अर्जी में कहा था कि पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम होने के कारण भारत में उसे यातना दी जाएगी। राणा पाक मूल का कनाडाई नागरिक है। लिहाजा उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाई जाए। राणा ने अपने खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया है। उस पर मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है। वह भारत में मोस्ट वॉन्टेड है।

गौरतलब है कि अमेरिकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बोलते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों और मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। इसलिए भारत वापस जा रहा है।

बता दें कि इससे पहले जनवरी में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि कोर्ट ने मामले में उसकी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था।

भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह तहव्वुर राणा के जल्द प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकी हमले के आरोपी को भारत में जल्द प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियात्मक मुद्दों पर अमेरिकी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं।'