UP News: किताबें संभालती बच्ची और पीछे चलता बुलडोजर, सपा ने पोस्टर के जरिए सरकार पर साधा निशाना

डीएन ब्यूरो

यूपी की सियासत में बुलडोजर कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार मुद्दा किसी अवैध निर्माण का नहीं बल्कि एक मासूम बच्ची की तस्वीर है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने लगा पोस्टर
समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने लगा पोस्टर


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में बुलडोजर कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार मुद्दा किसी अवैध निर्माण का नहीं बल्कि एक मासूम बच्ची की तस्वीर है जो कार्रवाई के दौरान अपने घर से किताबें लेकर भागती नजर आ रही है। इस तस्वीर को लेकर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर सीधा हमला बोला है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लखनऊ स्थित सपा कार्यालय के सामने एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है, जिसमें एक बच्ची को किताबें लेकर दौड़ते हुए दिखाया गया है। यह वही तस्वीर है जो बीते दिनों अम्बेडकर नगर जिले में हुई बुलडोजर कार्रवाई के दौरान सामने आई थी। इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर भी लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया था।

पोस्टर में बच्ची के साथ दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दिखाया गया है, जो उस बच्ची को सम्मानित करते नजर आ रहे हैं। सपा नेता जयसिंह प्रताप यादव द्वारा लगवाए गए इस पोस्टर में बुलडोजर को 'विध्वंसक शक्ति' के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है।

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पोस्टर पर उर्दू शायरी की तर्ज़ पर एक पंक्ति लिखी गई है –

"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है,
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना"

यह पंक्ति न केवल बच्ची की पीड़ा को दर्शाती है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती है।

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सपा ने आरोप लगाया है कि सरकार कानून और व्यवस्था के नाम पर गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के घरों पर बुलडोजर चला रही है। पार्टी का कहना है कि बिना जांच और कानूनी प्रक्रिया के सीधे घरों को तोड़ देना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

सपा नेता जयसिंह प्रताप यादव ने कहा कि इस बच्ची की आंखों में जो डर और दर्द है, वह प्रदेश की हकीकत को उजागर करता है। उन्होंने कहा, सरकार विकास की बात करती है, लेकिन किताबों और सपनों के साथ भागती बच्चियां उसका असली चेहरा दिखा रही हैं।










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