रेल मंत्री ने भारतीय रेल को बताया था सुरक्षित..जानिए.. क्या कहते हैं आंकड़ें..

1 फरवरी को बजट पेश करते हुए अंतरिम वित्त मंत्री तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था यह साल रेलवे के लिए सबसे सुरक्षित रहा है और आज बिहार में इतना बड़ा रेल हादसा हो गया। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए क्या कहते हैं आंकड़े..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 February 2019, 2:13 PM IST
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नई दिल्ली: 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए अंतरिम वित्त मंत्री व रेल मंत्री ने बड़े-बड़े वायदे किए। कहा, हमने देश को पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन “वंदे भारत” दी। साथ ही अपनी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह साल रेलवे के लिए सबसे सुरक्षित रहा है। लेकिन जब मोदी सरकार के पिछले  साढ़े चार सालों के आंकड़ों पर गौर फ़रमाते हैं तो इन दावों की पोल खुल जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ आपको इस रिपोर्ट में मोदी सरकार के शासनकाल में हुए बड़े रेल हादसों के बारे में बता रहा है..

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पिछले साढ़े चार सालों में हुए 350 से अधिक रेल हादसे
यदि रेल मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर फ़रमाएं तो वे खुद बता देते हैं कि मोदी सरकार के पिछले साढ़े चार सालों में 350 से अधिक छोटे-बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। इनमें जिस हादसे में 1 या 2 लोगों की जान गई है उन्हें छोटे हादसे कहा गया है। समाचार एजेंसी भाषा की 2017 की एक रिपोर्ट में रेल हादसों से जुड़े आंकड़ें दिए गएं हैं। इन आंकड़ों का कुछ ब्यौरा इस प्रकार है..

2014-15:  135 रेल हादसे 
2015-16: 107 रेल हादसे 
2016-17: 104 रेल हादसे

मोदी सरकार के बीते सालों के बड़े रेल हादसे..

18 अक्टूबर, 2018
एक रेलगाड़ी अमृतसर इलाके में लोगों की भीड़ पर चढ़ते हुए चली गई। पटरियों पर खड़े और बैठे हुए भीड़ दशहरा के उत्सव को देखने के लिए इकट्ठा हुई थी। यह दुर्घटना शाम में हुई जब भीड़ लंकादहन देख रही थी। इस हादसे में कम से कम 61 लोग मारे गए थे और लगभग 200 घायल हो गए थे।

10 अक्टूबर, 2018
रायबरेली के हरचंदपुर रेलवे स्टेशन के पास 14003 न्यू फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मालदा टाउन से नयी दिल्ली जा रही इस ट्रेन के इंजन सहित नौ डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। 

24 जुलाई, 2018
सेंट थॉमस माउंट स्टेशन के पास बिजली के खंबे से टकराने की वजह से चार यात्रियों की घटनास्थल पर मौत हो गई थी जबकि 10 यात्री इस हादसे में घायल हो गए थे। ये सभी यात्री ईएमयू ट्रेन के डिब्बे से लटककर यात्रा कर रहे थे।

19 अगस्त, 2017
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी और 156 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

22 जनवरी, 2017
इस रेल हादसे में हीराखंड एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले में पटरी से उतर गई थी जिसमें करीब 39 यात्रियों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे। 

20 नवंबर, 2016
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास पुखरायां में यह रेल हादसा बेहद भयानक था। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

25 जुलाई 2016 
इस रेल हादसे में भदोही इलाके में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन मिनी स्कूल वैन से टकरा गई थी जिसमें 10 स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। इस वैन में 19 बच्चे सवार थे।

हालांकि रेल मंत्रालय दावा करता है कि उसने रेल हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। 2016-17 के बजट में रेल हादसों को रोकने के लिए “मिशन जीरो एक्सीडेंट” शुरु किया गया था। रेल मंत्रालय का दावा है कि रेल हादसों में पहले के मुकाबले कमी आई है।
 

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