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दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने सोशल मीडिया से दूर रहने और गवाहों से संपर्क न करने जैसी कई कड़ी शर्तें लगाई हैं।
UAPA केस में बंद उमर खालिद (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 14 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है। खालिद को यह राहत उसकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए प्रदान की गई है। अदालत ने उन्हें 16 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है।
उमर खालिद वर्ष 2020 से जेल में बंद हैं और उन पर दिल्ली दंगों की हिंसा फैलाने की साजिश से जुड़े गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज है। कई बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद यह पहली बार है जब उन्हें इतने दिनों के लिए राहत मिली है।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर वाजपेयी ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि खालिद को 20,000 रुपये के निजी मुचलके के साथ दो जमानती भी पेश करने होंगे। कोर्ट ने साफ किया कि यह जमानत सिर्फ पारिवारिक कारणों के लिए दी जा रही है।
अदालत ने अंतरिम जमानत के साथ कई कड़े निर्देश भी जारी किए हैं, जिनका पालन करना खालिद के लिए अनिवार्य होगा-
उमर खालिद को मिली 14 दिन की राहत (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
उमर खालिद की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि उनकी बहन की शादी में उनकी मौजूदगी जरूरी है। अदालत ने पारिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए यह राहत दी, लेकिन साथ ही साफ कर दिया कि जमानत अवधि के दौरान किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि या बयानबाजी की अनुमति नहीं होगी।
पुलिस और जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया गया है कि खालिद की गतिविधियों पर नजर रखी जाए और जमानत के किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट की जाए। अंतरिम जमानत की यह अवधि पूरी होने के बाद उमर खालिद को फिर से जेल में सरेंडर करना होगा। अदालत में उनके खिलाफ यूएपीए केस की सुनवाई आगे जारी रहेगी।