संजय राउत ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना , राजग में वापसी से गठबंधन पर नहीं पड़ेगा कोई असर
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी से विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और दावा किया कि कांग्रेस कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने के पक्ष में थी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पुणे: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी से विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और दावा किया कि कांग्रेस कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने के पक्ष में थी।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार राउत ने यहां पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार को ‘‘पलटू राम’’ करार दिया।
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जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को नाटकीय उलटफेर के बाद रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने महागठबंधन और विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ राज्य में एक नयी सरकार बनाई, जिससे वह 18 महीने से भी कम समय पहले अलग हुए थे।
राउत ने कहा कि जिस तरह से कुमार ने ‘इंडिया’ गठबंधन को छोड़ा वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अगर कोई सोचता है कि नीतीश कुमार के जाने से राष्ट्रीय (इंडिया) गठबंधन में दरार पैदा हो जाएगी तो यह सही नहीं है। वास्तव में ऐसे लोगों के जाने से संगठन और दृढ़ होगा और ‘इंडिया’ गठबंधन भी मजबूत होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव हैं और वे ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत बनाएंगे, जो कुमार के गठबंधन से बाहर होने तक बिहार के उप मुख्यमंत्री थे।’’
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राउत ने कहा कि ‘‘नीतीश का मतलब बिहार नहीं है’’ और उन्होंने साथ ही सवाल किया कि क्या राज्य के लोगों को यह पसंद आएगा कि एक व्यक्ति एक ही कार्यकाल में कई बार (मुख्यमंत्री के रूप में) शपथ ले?
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उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार भाजपा का असली चेहरा नहीं जानते और वह (भाजपा) उन्हें खत्म करने जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बिहार की पहचान खत्म करने की भाजपा की चाल है... नीतीश का मतलब बिहार नहीं है। महाराष्ट्र में भी उन्होंने (मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे के साथ प्रयोग किया, लेकिन शिंदे का मतलब महाराष्ट्र नहीं है या (उपमुख्यमंत्री) अजित पवार का मतलब महाराष्ट्र नहीं है।’’
राउत ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के विपक्षी गठबंधन से बाहर निकलने में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस तो नीतीश को ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने के पक्ष में थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमारे साथ चर्चा की थी लेकिन साथ ही यह जानकारी भी आ रही थी कि नीतीश का भाजपा के साथ कोई गुप्त समझौता हो रहा है। राजनीति में हर कोई हर किसी के बारे में जानकारी रखता है।’’
राउत ने नीतीश कुमार को ‘‘पलटू राम’’ करार दिया और पूछा कि वह कितनी बार पाला बदलते रहेंगे।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘उन्हें (नीतीश) सर्कस में जाना चाहिए। सर्कस में अच्छे दिन आएंगे। उन्हें पलटू राम सर्कस बनाना चाहिए और भाजपा को उसका रिंगमास्टर बनना चाहिए।’’
नीतीश कुमार को ‘‘मानसिक और राजनीतिक रूप से’’’ परेशान व्यक्ति करार देते हुए राउत ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उनके करीबी एक व्यक्ति ने कहा कि वह ‘‘आंशिक रूप से याददाश्त खोने’’ की समस्या से पीड़ित हैं।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह भूल गए होंगे कि वह ‘इंडिया’ गठबंधन में थे। जब उनकी याददाश्त वापस आ जाएगी तो उन्हें पता चल जाएगा कि वह दूसरे गुट में हैं और वापस आ जाएंगे। इसे अल्जाइमर (बीमारी) कहा जाता है।’’
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शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) नेता ने यह भी दावा किया कि कुमार और भाजपा ने बिहार में विश्वसनीयता खो दी है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार हाथ जोड़कर भाजपा के पास आ जाएं तब भी वे उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन वही (शाह) उनका स्वागत कर रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर राउत ने दावा किया कि भाजपा के पास वह साहस नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई नैतिकता और महाराष्ट्र के गौरव के लिए है। आपने (भाजपा ने) शिवसेना की जड़ पर हमला नहीं किया बल्कि महाराष्ट्र की पहचान पर हमला किया और इसीलिए शिवसेना ऐसे तत्वों से समझौता नहीं करेगी।’’
मराठा आरक्षण मुद्दे पर एक अधिसूचना को लेकर महाराष्ट्र में ‘महायुति’ (सत्तारूढ़ गठबंधन) में मंत्रियों के बीच मतभेद के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि अगर फैसले पर कोई मतभेद है तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उन मंत्रियों को बर्खास्त करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई मंत्री कैबिनेट के फैसले और मुख्यमंत्री के फैसले के खिलाफ है तो ऐसे मंत्री को बर्खास्त किया जा सकता है।’’
मुख्यमंत्री शिंदे ने घोषणा की है कि जब तक मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे।