पीएम मोदी बोले, मन की बात देशवासियों के भावनाओं की अनुभूति

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 36 वें कार्यक्रम में देशवासियों को नवरात्रि पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं नवरात्रि पर प्रार्थना करता हूं कि देश नई ऊंचाईयां को प्राप्त करे।

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 36 वें कार्यक्रम में देशवासियों को नवरात्रि पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं नवरात्रि पर प्रार्थना करता हूं कि देश नई ऊंचाइयां को प्राप्त करे। पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि मन की बात' के तीन साल की यात्रा देशवासियों के भावनाओं की अनुभूति है। उन्होंने कहा कि मन की बात के जरिये देश के हर कोने से लोगों की बातें मुझ तक पहुंचाती हैं, इसलिए मैं इस कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखने का प्रयास करता हूं। अब इस कार्यक्रम के तीन साल पूरे हो गए हैं। 

प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने वाराणसी दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी में खादी का कारखाना फिर शुरू किया गया है जिससे खादी की बिक्री बढ़ने से इस दिशा लोगों में  नया उत्साह जागा है। उन्होंने कहा कि खादी वस्त्र नहीं एक विचार है। अब कई बड़े कॉपोरेट हाउस भी खादी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मन की बात की मुख्य बातें

1  देश सही दिशा में जाने के लिए हर पल अग्रसर है।
2  खादी एक वस्त्र नहीं, एक विचार है। 
3   खादी का जो अभियान चला है उसे हम और आगे चलाएं और बढ़ाएं, खादी खरीदकर ग़रीब के घर में दिवाली का दीया जलाएं।
4    इन दिनों खादी के प्रति काफी रूचि बढ़ी है। खादी की ब्रिक्री बढ़ी है और उसके कारण गरीब के घर में सीधा-सीधा रोजगारी का संबंध जुड़ गया है।
5    वाराणसी सेवापुर में, सेवापुरी का खादी आश्रम 26 साल से बंद पड़ा था लेकिन आज पुनर्जीवित हो गया।
6    हमें भोजन करते समय चिंता करनी चाहिये कि जितनी ज़रूरत है उतना ही लें, भोजन बर्बाद न करें।
7    पिछले महीने हमने एक संकल्प किया था और तय किया था कि गाँधी-जयंती से पहले 15 दिन 
देश-भर में स्वच्छता का उत्सव मनायेंगे। हमारे राष्ट्रपति जी ने इस कार्य की शुरूआत की और देश इससे जुड़ गया।
8    ढ़ाई करोड़ से ज्यादा बच्चों ने स्वच्छता के निबंध स्पर्धा में भाग लिया।
9     इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया ने देश की कितनी बड़ी सेवा कर सकता है ये स्वच्छता ही सेवा आंदोलन में हम देख पाते हैं।
10    श्रीनगर नगर निगम ने उस 18 साल के नौजवान बिलाल डार को स्वच्छता के लिए अपना ब्रांड अम्बेसडर बनाया है जो 12-13 साल की उम्र से स्वच्छता में लग गया।
11   इस बात को हमें स्वीकार करना होगा कि भावी इतिहास, इतिहास की कोख में जन्म लेता है।
12    गाँधी जी, जयप्रकाश जी, दीनदयाल जी ये ऐसे महापुरुष हैं जो सत्ता के गलियारों से कोसो दूर रहे हैं।
13   भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी जब नौजवानों से बात करते थे तो हमेशा नानाजी देशमुख के ग्रामीण विकास की बातें किया करते थे।
14     दीनदयाल उपाध्याय समाज के आखिरी छोर पर बैठे हुए ग़रीब, पीड़ित, शोषित, वंचित की ही चर्चा करते थे।
15   हम लोग बहुत स्वाभाविक रूप से कहते हैं - विविधता में एकता, भारत की विशेषता। हम अपने देश को तो देखते नहीं हैं, देश की विविधताओं को जानते नहीं हैं लेकिन विदेशों की सैर करना पसंद करते हैं। 
16    महात्मा गाँधी, लोकमान्य तिलक, स्वामी विवेकानंद, अब्दुल कलाम जी ने जब भारत-भ्रमण किया तब उनको उसके लिए जीने-मरने की नई प्रेरणा मिली।
17   इन छुट्टियों में आप सिर्फ बदलाव के लिए या घूमने के लिए निकलें ऐसा नहीं होना चाहिए, कुछ जानने-समझने के इरादे से घूमने जायें। 
18   भारत को अपने भीतर आत्मसात् कीजिये, आपकी सोच का दायरा विशाल हो जायेगा| अनुभव से बड़ा शिक्षक कोई नहीं होता। 
19   भारतीय सेना को लेफ्टिनेंट स्वाति और निधि के रूप में दो वीरांगनाएँ मिली हैं और वे असामान्य वीरांगनाएँ है। असामान्य इसलिए हैं कि स्वाति और निधि माँ-भारती की सेवा करते-करते उनके पति शहीद हो गए थे।

 










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