Barabanki DM की मेहनत लाई रंग, 5 साल बाद परिवार से मिली पार्वती, जाने पूरा मामला

बाराबंकी के डीएम के प्रयासों से पार्वती को उसका परिवार मिल गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 March 2025, 8:47 PM IST
google-preferred

बाराबंकी: जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के विशेष प्रयासों से पांच साल से जिला अस्पताल में गुमनामी की जिंदगी जी रही पार्वती आज अपने परिवार वालों से मिल सकी। पार्वती के पति विजय कुमार पटेरिया, पुत्री उपमा पटेरिया व बहन किरन पटेरिया, भाई राजेश कुमार जब उसे घर ले जाने के लिये आये तो माहौल भावुक हो उठा। अपने परिजनों से मिलकर पार्वती की आँखों में आँसू आ गए और वह अपने परिजनों को गले लगाकर फफक कर रोने लगी। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, एडीएम इन्द्रसेन, एसडीएम  विवेकशील यादव, एसडीएम मधुमिता सिंह व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अवधेश यादव आदि अधिकारियों की उपस्थिति में विदाई कार्यक्रम आयोजित कर पार्वती व उसके परिजनों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया और पार्वती को ढेरों उपहार देकर विदा किया। बीते 5 साल से पार्वती की परिवार के सदस्य की तरह देखभाल करने वाली अस्पताल कर्मी रोमा, किरन, सुमन व आशा कनौजिया सहित अन्य महिलाएं भी उपस्थित रही। पार्वती ने सबके साथ फोटो खिंचवाईं और अपनी पुत्री, बहन, पति, व भाई से सबको मिलवाया। 

घायल अवस्था में 5 वर्ष पूर्व मिली थी पार्वती 

बताया जा रहा कि 14 अक्टूबर 2019 की शाम पार्वती नगर के मोहल्ला सत्यप्रेमी नगर के रामाश्रम के निकट घायल अवस्था में पड़ी थी। सभासद पंकज मिश्रा ने पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दी थी। पुलिस के अनुसार वह ट्रेन से गिरकर घायल हुई थी इसके बाद किसी तरह से रेलवे लाइन किनारे से उठकर रामाश्रम तक पहुँची थी। गहरी चोट लगने के कारण वह अपनी याददाश्त खो चुकी थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उसके घर वालों का पता न चलने के कारण पार्वती जिला अस्पताल में ही रह रही थी।

 इस तरह परिवार का लगा पता

एक अखबार में छपी खबर को संज्ञान लेकर जिलाधिकारी  शशांक त्रिपाठी ने पार्वती के परिजनों का पता लगाने के लिये एसडीएम (न्यायिक)  विवेकशील यादव व डीएसटीओ प्रतिभा यादव को महिला के परिजनों की तलाश करने की जिम्मेदारी सौंपी। एसडीएम विवेकशील यादव ने बताया कि महिला की याददाश्त कमजोर हो जाने से उसे घर का पता याद नहीं था वह केवल छिंदवाड़ा, छितरवारा शब्द ही बोल पा रही थी। उसके पास पहचान का कोई प्रमाण था।

डीएम के प्रयासों की जनपद वासियों ने की सराहना

5 साल से गुमनामी की जिंदगी जी रही पार्वत के परिजनों की खोज कर उसे परिवार से मिलाने का समाचार सुनकर पार्वती के विषय में पुलिस को सर्वप्रथम सूचना देने वाले सभासद पंकज मिश्रा सहित शहर व ग्रामीण क्षेत्रो के अनेक लोगों ने कर्मठ जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी सहित इस कार्य में लगे अधिकारियों की सराहना करते हुए उन्हें ढेरों बधाइयां प्रेषित की।