विपक्षी दलों ने मणिपुर पर प्रधानमंत्री के वक्तव्य को लेकर जताई निराशा, जानिये क्या कहा
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर शुक्रवार को निराशा जताई और निचले सदन से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किए जाने की निंदा की। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर:
नयी दिल्ली: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर शुक्रवार को निराशा जताई और निचले सदन से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किए जाने की निंदा की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं ने बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की।
बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई एवं प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल थे।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी एक घंटे 40 मिनट तक बोले और जब ‘इंडिया’ के घटक दल सदन से वाकआउट कर गए तब उन्होंने मणिपुर के बारे में कुछ शब्द बोले। देश निराश है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा भी उठाएंगे। हम ऐसे अलोकतांत्रिक कृत्य की निंदा करते हैं।’’
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल के जरिये पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे जी के कक्ष में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक हुई। मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। यह लड़ाई सड़क से संसद तक जारी रहेगी।’’
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर चर्चा के वास्ते सदन में कार्य स्थगन का प्रस्ताव पेश करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।
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संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।
प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे। चौधरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि उदाहरण के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान बृहस्पतिवार को मणिपुर में शांति बहाली के लिए सभी से मिलकर काम करने और वहां के लोगों के लिए ‘दर्द की दवा’ बनने का आग्रह करते हुए कहा कि देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र वैश्विक दृष्टि से ‘‘केद्र बिंदु’’ बनने वाला है तथा मणिपुर में शांति का सूरज उगेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के लोगों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है। वहां फिर से शांति की स्थापना होगी।’’