मुजफ्फरनगर में तीसरे दिन भी बंद रहा नेहा पब्लिक स्कूल, दूसरे बच्चों का हो रहा नुकसान

डीएन ब्यूरो

मुजफ्फरनगर जिले के उस निजी स्कूल को प्रबंधन ने सोमवार को तीसरे दिन भी बंद रखा जहां एक शिक्षिका द्वारा दूसरी कक्षा के एक छात्र को सहपाठियों से थप्पड़ लगवाने की कथित घटना हुई थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

तीसरे दिन भी बंद रहा  नेहा पब्लिक स्कूल
तीसरे दिन भी बंद रहा नेहा पब्लिक स्कूल


मुजफ्फरनगर: जिले के उस निजी स्कूल को प्रबंधन ने सोमवार को तीसरे दिन भी बंद रखा जहां एक शिक्षिका द्वारा दूसरी कक्षा के एक छात्र को सहपाठियों से थप्पड़ लगवाने की कथित घटना हुई थी।

प्रबंधन ने शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देने में व्यस्तता का हवाला देते हुए सोमवार को स्कूल बंद रहने की घोषणा पहले ही कर दी थी ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने आज यहां बताया कि स्कूल प्रबंधन को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर 28 अगस्त, सोमवार तक जवाब देने को कहा गया है। स्‍कूल ने अपनी मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया है।

उन्होंने बताया कि स्कूल प्रशासन को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर सोमवार तक मोहलत दी गई है और उत्तर नहीं देने पर स्कूल की मान्यता खत्म करने की चेतावनी दी गई है। इस मामले में आज सुनवाई होगी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि नेहा स्कूल बंद नहीं किया जाएगा और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक छात्रों के हित में सामान्य शिक्षण गतिविधियां जारी रहेंगी।

गत शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के खब्बूपुर गांव में स्थित नेहा पब्लिक स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें शिक्षिका तृप्ता त्यागी को दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक मुस्लिम छात्र को कथित रूप से होमवर्क नहीं करने पर उसके सहपाठियों से बुला-बुलाकर थप्पड़ लगवाते देखा गया था। विभिन्न वर्गों ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी।

शनिवार को पीड़ित छात्र के परिवार की शिकायत के आधार पर शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

त्यागी ने अपने बचाव में कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। उसने दावा किया कि वीडियो छात्र के चाचा ने बनाया था। शिक्षिका ने माना कि छात्र को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाना गलत था, लेकिन उसने कहा कि दिव्यांग होने के कारण वह खड़े होकर उस छात्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं थी इसलिए उसने यह कदम उठाया।










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