महराजगंज तहसील में भ्रष्टाचार का नंगा खेल, जनता त्रस्त.. तहसीलदार- एसडीएम मस्त

शिवेंद्र चतुर्वेदी

ईमानदार डीएम के राज में मातहत जमकर भ्रष्टाचार का नंगा खेल खेल रहे हैं। रिश्वतखोरी के चक्कर में जनता दर-दर भटकने को मजबूर है..रोजाना तहसील में आने वाली गरीब जनता पैसे के अभाव में जायज काम भी जब नही करा पा रही तो योगी सरकार को कोसकर वापस घर को लौट जा रही है। महराजगंज के सदर तहसील के भ्रष्टाचार की कहानी डाइनामाइट न्यूज़ पर..



महराजगंज: रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को लेकर महराजगंज में नया रिकार्ड बनाया जा रहा है। मामला सदर तहसील का है। आम गरीब जनता और अधिवक्ताओं का खुला आरोप है कि सदर तहसीलदार केशव प्रसाद महाभ्रष्ट हैं और इनकी मौजूदगी में बिना रिश्वत के किसी गरीब का कोई काम सदर तहसील में हो नही सकता। इससे भी गंभीर बात तो यह है कि जब गरीब जनता इसकी शिकायत लेकर सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के पास जाती है तो वे उल्टे जनता को तहसीलदार के पास ही भेज देते हैं।  

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सदर तहसील में चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला

एसडीएम की खतरनाक चुप्पी दे रही है गहरे गठजोड़ का संकेत

सदर तहसील से महज 200 मीटर दूर बैठने वाले उप जिलाधिकारी सदर की यह खतरनाक चुप्पी भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके भंयकर गठजोड़ की तरफ इशारा कर रही है।

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डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी रिपोर्टरों की टीम ने बुधवार को 10 बजे से 11.30 बजे तक जब तहसील परिसर का जायजा लिया देखा कि अफसरों की इन करतूतों से आजिज जनता योगी सरकार को जमकर कोस रही है कि उन्होंने कैसे-कैसे भ्रष्ट अधिकारियों को यहां तैनाती दे दी है। जनता का कहना है कि वे टीम बनाकर जायेंगे और सीएम के अगले गोरखपुर प्रवास पर यहां मचे भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खोलेंगे। आम जनता का कहना है नकल लेने के नाम पर, परवाना पत्र के अमल दरामद के नाम पर, मुआयना के नाम पर भीषण लूट तहसीलदार मचवाये हुए हैं। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं का खुलेआम मोर्चा

पिछले 15 दिनों से अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी
डाइनामाइट न्यूज़ के कैमरों को देख कलेक्ट्रेट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष गोरखनाथ चतुर्वेदी भी अपने सहयोगी वरिष्ठ अधिवक्ता साथियों भागीरथी पटेल, विक्रम सिंह, जितेन्द्र लाल श्रीवास्तव, एनैद्दीन सिद्दिकी, राकेश बिहारी लाल श्रीवास्तव, जगदम्बा गुप्त, प्रेम प्रकाश शुक्ल के साथ पहुंचे। अध्यक्ष ने खुला आरोप लगाया कि सदर तहसीलदार केशव प्रसाद के राज में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना रिश्वत के किसी मुकदमे में कोई फैसला नही होता। खुलेआम मुवक्किलों से पैसा मांगते हैं जब इससे बात नही बनती तो वकीलों से रिश्वत कर फैसला देने की बात करते हैं। वकीलों का कहना है नामांकन की कार्यवाही में बिना रिश्वत के तहसीलदार की कलम तक नही चलती। दफा-80 की पत्रावली में तहसीलदार- एसडीएम बिना घूस के कई कार्यवाही नही करते। 32/38 की फाइल बांधकर रखी है, बिना काली कमाई के कोई काम नही।

सदर एसडीएम पर गंभीर आरोप
उप जिलाधिकारी सदर ज्ञानेश्वर प्रसाद पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाते हुए इन अधिवक्ताओं ने कहा कि जब इसकी शिकायत ज्ञानेश्वर से की जाती तो वे कहते हैं कि मैं भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगा सकता। तहसीलदार सदर अच्छा काम कर रहे हैं, कहिये तो मैं आप लोगों की सुलह करा दूं।

भ्रष्टाचार के सवाल पर एडीएम का जवाब
अगले महीने रिटायरमेंट की बेला में पहुंचने वाले अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) आरपी कश्यप के पास जब डाइनामाइट न्यूज़ ने फोन कर सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल पूछा तो पहले तो वे सकपका गये लेकिन फिर बाद में संभलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही किया जायेगा। कोई भी फरियादी यदि सीधे उनके पास आयेगा तो वे उसकी समस्या का निदान करेंगे।

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आम जनता से अपील: यदि आप भी एसडीएमतहसीलदार के भ्रष्टाचाररिश्वतखोरी से पीड़ित हैं तो सबूतों के साथ हमें ई-मेल करें info@dynamitenews.com 

 










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