महराजगंज: एसडीएम ने उड़ायी नियमों की धज्जियां.. कहा- लगाऊंगा नीली बत्ती..बोलो क्या बिगाड़ लोगे?
महराजगंज जिले के रिश्वतखोर-मनबढ़ उपजिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद का एक और काला-कारनामा सामने आया है। चाहे सुप्रीम कोर्ट हो या फिर केन्द्र या राज्य सरकार..सभी के आदेशों की ये जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। पूरी खबर..
महराजगंज: सदर के मनबढ़ व रिश्वतखोर उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद के काले-कारनामों की फेहरिश्त बड़ी लंबी है। इन दिनों ये सुप्रीम कोर्ट से लेकर केन्द्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार की ऐसी-तैसी करने में लगे हैं।
यह भी पढ़ें: महराजगंज तहसील में भ्रष्टाचार का नंगा खेल, जनता त्रस्त.. तहसीलदार- एसडीएम मस्त
क्या कानून का डर नही एसडीएम को
डाइनामाइट न्यूज़ के तेज-तर्रार खोजी रिपोर्टरों की टीम ने गुरुवार को 11 बजे उप जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर का निरीक्षण किया तो देखा कि अपने आप को संविधान और कानून से ऊपर समझने वाले ज्ञानेश्वर प्रसाद.. नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए अपनी सरकारी टाटा सूमो गाड़ी संख्या UP- 56 G 0253 पर नीली बत्ती लगा रखी है।
यह भी पढ़ें: बरगदवां थानेदार घूसकांड मामले में डीजीपी मुख्यालय का बड़ा एक्शन, सीओ नौतनवा करेंगे जांच
डीएम, एडीएम किसी की गाड़ी पर नीली बत्ती नही
सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि जिले के डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह अपनी गाड़ी पर नीली बत्ती नही लगाते..एडीएम आरपी कश्यप भी शासनादेशों का पालन करते हुए अपनी गाड़ी पर नीली बत्ती नही लगाते। इन सबके बावजूद एसडीएम सदर क्यों नही इन सबसे कोई सीख नही लेते।
फर्जी भौकाल के लिए हूटर और प्रेशर हार्न भी लगाया
सिर्फ नीली बत्ती ही क्यों.. आम गरीब जनता के बीच फर्जी भौकाल बनाने में माहिर इस एसडीएम की सरकारी गाड़ी पर दो-दो बड़े-बड़े हूटर भी लगे हुए हैं ताकि साहब..जब सड़कों पर निकलें तो इनकी साख में कोई गुस्ताखी न हो..और सबको पता लगे कि एसडीएम साहब.. निकले हैं। प्रेशर हार्न के ध्वनि प्रदूषण की भी साहब.. कोई चिंता नही करते। भले ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लाख कानून बनाते रहे। किसी भी नियम का डर 'साहब' को नही।
एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही की मांग
एसडीएम की इन काली करतूतों के खिलाफ आम जनता में जबरदस्त आक्रोश है। जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से याचिका के जरिये उठाने वाले ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट (मानवाधिकार कार्यकर्ता) विनय कुमार पांडेय ने कहा कि इस मामले में कड़ी कार्यवाही की जाये। जब डीएम और एडीएम अपनी गाड़ी पर नीली बत्ती, हूटर और प्रेशर हार्न नही लगा कर चल रहे हैं तो फिर कैसे एसडीएम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि जिला प्रशासन ने तत्काल एसडीएम के खिलाफ कड़ा एक्शन नही लिया और उनके चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज नही की तो वे कोर्ट के माध्यम से याचिका दाखिल कर एसडीएम के खिलाफ कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
चारों तरफ है एसडीएम की शिकायत
'तेल' के 'खेल' में लाखों रुपये की काली कमाई का मामला हो या पट्टे, खनन या फिर मुकदमों में आदेश..हर जगह ज्ञानेश्वर प्रसाद की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। सदर तहसीलदार केशव प्रसाद के साथ मिलकर गरीबों के हकों पर डाका डालने वाले एसडीएम के खिलाफ अधिवक्ता भी आक्रोशित हैं। तहसीलदार के भ्रष्टाचार के खिलाफ 16 दिनों से अधिवक्ताओं ने हड़ताल कर रखी है। फिर भी एसडीएम के कानों पर जूं तक नही रेंगती। तहसीलदार से पीड़ित जब कोई गरीब एसडीएम के पास इसकी शिकायत लेकर जाता है तो ये उल्टे पांव उसे तहसीलदार के पास ही भेज देते हैं और कहते है तहसीलदार साहब तो बहुत ईमानदार और अच्छे अधिकारी हैं, वो आपका 'काम' कर देंगे नही तो मैं 'सुलह' करा दूंगा। आम चर्चा है कि साहब.. दिन भर में कम से कम सौ बार तहसीलदार साहब के नाम की माला जप लेते हैं।
आम जनता से अपील: यदि आप भी एसडीएम व तहसीलदार के भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी से पीड़ित हैं तो सबूतों के साथ हमें ई-मेल करें info@dynamitenews.com