महराजंगज: केवल तीन बोटा लकड़ी के लिए आपस में भिड़ गए पुलिस और वन विभाग के लोग

तीन बोटा लकड़ी को कब्‍जे में लेने के लिए वन विभाग और पुलिस के लोग आपस में भिड़ गए। जबकि लकड़ी की जब्‍ती को लेकर दोनों विभागों के बीच कोई भी खींचतान का स्‍पष्‍ट कारण नहीं दिखता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि दोनों विभाग तीन बोटा लकड़ी के लिए इतना बेताब क्‍यों ? डाइनामाइट न्‍यूज पर पढ़ें पूरी खबर….

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 July 2019, 2:18 PM IST
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पनियरा (महराजगंज): अवैध कटान की तीन बोटा सागौन लकड़ी को कब्‍जे में लेने के लिए वन विभाग और पुलिस के लोग आपस में भिड़ गए। दोनों की खींचतान का परिणाम यह रहा कि एक बोटा वन विभाग उठा ले गया और दो बोटा लकड़ी पुलिस भर ले गई। जबकि जब्‍त की गई लकड़ी पर दोनों विभाागों के लोगों का व्‍यक्तिगत कोई अधिकार नहीं होता है। बड़ा सवाल तो यह है कि दोनों विभाग तीन बोटा लकड़ी के लिए इतना बेताब क्‍यों?

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महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र के कुआंचाप गांव के धुसिया टोला खोरन्हिया नाला पर तीन बोटा सागौन लावारिस हालत में पड़े होने की सूचना पुलिस और वनकर्मियों को मिली। दोनों विभागों की टीमें मौके पर पहुंची और लकड़ी को ले जाने का लेकर दोनों विभागों के लोगों में कहासुनी होने लगी।

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दो बोटा लकड़ी ले जाती पुलिस 

मौके पर मौजूद लोगों की माने तो पनियरा पुलिस बरामद सागौन की लकड़ी को जबरन थाने पर ले जाना चाहती थी। वहीं वनकर्मी बरामद लकड़ी को पनियरा रेंज ले जाना चाहते थे। इसी बात को लेकर वन दरोगा और मुजुरी चौकी पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए। इसके बाद पनियरा पुलिस दो बोटा और वन कर्मी एक बोटा लकड़ी उठा ले गए।

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ऐसे में सवाल उठता है कि दो बोटा सागौन की लकड़ी की जब्‍ती के लिए दोनों विभाग आखिर इतना क्‍यों बेताब थे। जबकि दोनों विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का इन लकड़ियों से व्‍यक्तिगत तौर पर कोई लाभ नहीं होने वाला था। क्‍योंकि जब्‍त किए गए सामान पर सरकार का अधिकार होता है। 

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