UP Panchayat Election: यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण की अधिसूचना जारी, जानिये रिजर्वेशन के पूरे नियम

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने आरक्षण नियमावली को जारी कर दिया है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट में जानिये आरक्षण की पूरी प्रक्रिया और इसके लागू होने के तरीके

Updated : 12 February 2021, 8:29 AM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने आरक्षण नियमावली को जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के अनुसार यूपी में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव को लेकर रोटेशन रिजर्वेशन लागू किया जाएगा और पिछले 5 निर्वाचन में हुए आरक्षण का संज्ञान लिया जाएगा। आरक्षण अधिसूचना जारी करने के साथ पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 826 ब्लॉक , 58194 ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या का गठन हो चुका है।

नई अधिसूचना की सबसे बड़ी बात यह है कि पुरानी व्यवस्था के तहत चुनावों में शिक्षा आड़े नहीं आएगी। जो पद पहले कभी आरक्षित नही हुए उन्हें वरीयता दी जाएगी। प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ पंचायतों के वार्डों के आरक्षण की नीति लागू होगी। 826 ब्लॉक, 58194 ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या का गठन हो चुका है।

अधिसूचना के मुताबिक जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उन्हें वरीयता दी जाएगी। 'एससी, ओबीसी, महिला के क्रम में पिछले निर्वाचन को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा। शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के पदों का आरक्षण जारी किया जाएगा। इसके अलावा जिले स्तर पर ग्राम पंचायतों का आरक्षण ज़ारी किया जाएगा।

नयी अधिसूचना के तहत जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण शासन स्तर से तय किया जाएगा जबकि ब्लॉक प्रमुखों की संख्या शासन स्तर से और आरक्षण जिले स्तर पर तय किया जाएगा। इसके अलावा ग्राम प्रधानों का आरक्षण जिले स्तर पर होगा और संख्या भी ब्लाकों को मानक मानकर जिले में ही तय की जाएगी। आरक्षण की व्यवस्था अब तक अनारक्षित रही सीटों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। मसलन, जो सीट पिछले पांच चुनावों में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित नहीं हुई, उसे अब एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा। यही व्यवस्था ओबीसी की सीटों को लेकर अपनाई जाएगी।

सबसे पहले अनुसूचित जनजाति (एसटी) की महिला और उसके बाद एसटी के आरक्षण की व्यवस्था होगी इसके बाद एससी महिला, फिर एससी और उसके बाद ओबीसी महिला, फिर ओबीसी के आरक्षण की पद्धति अपनाई जाएगी।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद हैं। प्रदेश के कुल 826 ब्लॉक के लिए इतने ही ब्लाक प्रमुख होंगे। उन्होंने कहा कि 700 पंचायतें नगरीय निकाय में गई हैं। इसके अलावा प्रदेश में 58,184 ग्राम पंचायतें हैं जबकि जिला पंचायतों में 3,051 वार्ड बने हैं। क्षेत्र पंचायत के 826 ब्लॉकों में 75,855 वार्ड बने हैं।