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जिले के नगर पंचायत गोला द्वारा नागरिकों को शुद्ध एवं ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई आरओ वॉटर कूलर योजना महज छह माह के भीतर ही सवालों के घेरे में आ गई है।
गोला नगर पंचायत में शुद्ध पेयजल योजना फेल
Gorakhpur: जिले के नगर पंचायत गोला द्वारा नागरिकों को शुद्ध एवं ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई आरओ वॉटर कूलर योजना महज छह माह के भीतर ही सवालों के घेरे में आ गई है। नगर क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में लगाए गए करीब 40 आरओ वॉटर कूलरों में से अधिकांश मशीनें कुछ ही महीनों में खराब हो चुकी हैं। इसके चलते आमजन को शुद्ध पेयजल के लिए फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर पंचायत के जिम्मेदार भले ही साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है। करीब छह माह पूर्व लाखों रुपये की लागत से नगर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों और वार्डों में आरओ वॉटर कूलर लगाए गए थे, ताकि लोगों को दूषित पानी से राहत मिल सके। लेकिन रखरखाव और गुणवत्ता की अनदेखी के कारण अधिकांश मशीनें पांच से छह माह के भीतर ही जवाब दे गईं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मशीनें खराब होने के बाद कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक मरम्मत या पुनर्स्थापन की कोई ठोस पहल नहीं हुई। ठंड के मौसम में भी जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर समस्या को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं। वार्ड नंबर 18 के सभासद श्रवण कुमार वर्मा ने बताया कि डाक बंगला रोड पर लगा आरओ कूलर कुछ ही महीनों में खराब हो गया था। इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हो सका।
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इसी तरह वार्ड नंबर 10 सब्जी मंडी, वार्ड 2 रानीपुर, वार्ड 3 रामलीला मैदान, वार्ड 13 एमसीए स्कूल के सामने, वार्ड 16 गोपालपुर पुलिया के नीचे, वार्ड 12 भीटी सहित कई अन्य स्थानों पर लगे आरओ कूलर लंबे समय से खराब पड़े हैं। लोगों का कहना है कि इन स्थानों पर राहगीरों, दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को शुद्ध पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार सभी आरओ वॉटर कूलर देवरिया की बीएस कंस्ट्रक्शन द्वारा लगाए गए थे। प्रत्येक मशीन की कीमत लगभग 65 हजार रुपये बताई जा रही है। ऐसे में इतनी महंगी मशीनों का कुछ ही महीनों में खराब हो जाना निर्माण गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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इस संबंध में अधिशासी अधिकारी वैभव चौधरी ने बताया कि आरओ मशीनों के खराब होने की सूचना मिलते ही कार्यदायी संस्था को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक सभी मशीनें पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो जातीं, तब तक संबंधित भुगतान नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि नगर पंचायत इस शुद्ध पेयजल योजना को कागजों से निकालकर धरातल पर कब तक प्रभावी बना पाती है।