Happy Teacher’s Day: माता-पिता की मूरत है गुरू, इस कलयुग में भगवान की सूरत है गुरू

देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज उनकी 131वीं जयंती है। डॉ. राधाकृष्णन देश के पहले उप-राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, और राजनेता थे। आज Teacher’s Day पर जानें कुछ खास बातें डाइनामाइट न्यूज़ पर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 September 2019, 10:19 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। उनके इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए सन् 1962 से हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

यह भी पढ़े: बिहार में शिक्षक घोटाले में चार हजार से भी ज्यादा फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी अब तय

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

बता दें कि इससे पहले विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता दी थी। सिंगापुर में सितंबर के पहले शुक्रवार को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। जबकि अफगानिस्तान में पांच अक्तूबर को ही यह दिवस मनाया जाता है। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था।

यह भी पढ़ें: बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड में नई सरकारी नौकरियाँ, ऐसे करें Apply

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने संपूर्ण विश्व को एक विद्यालय माना। उन्होंने शिक्षा पर हमेशा ज़ोर दिया। उनका मानना था कि शिक्षा द्वारा ही विकास संभव है। शिक्षा के माध्यम से ही मानव अपने मन-मस्तिष्क का उपयोग बेहतर ढंग से कर सकता है। शिक्षा व्यवस्था संपूर्ण विश्व को एक मान कर ही होनी चाहिए। इस बात पर उनका पुरज़ोर मत था। बेहतरीन शिक्षा से ही विश्व मे शांति व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।