Uttar Pradesh: डीएचओ ने चित्रकूट मंडल के उपनिदेशक का प्रभार नहीं किया ग्रहण, जानिये क्यों
पीडब्ल्यूडी विभाग के बाद अब उद्यान विभाग तक पहुंच गयी है। इसके फलस्वरूप कौशांबी के जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) ने चित्रकूट मंडल के उपनिदेशक (डीडी) पद का प्रभार लेने से मना कर दिया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
कौशांबी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की नयी तबादला नीति के अनुपालन में नियमों की अनदेखी के आरोपों की आंच, स्वास्थ्य और लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) विभाग के बाद अब उद्यान विभाग तक पहुंच गयी है। इसके फलस्वरूप कौशांबी के जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) ने चित्रकूट मंडल के उपनिदेशक (डीडी) पद का प्रभार लेने से मना कर दिया है।
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विभाग में तीन मंडलों (चित्रकूट, मिर्जापुुर और प्रयागराज) में उपनिदेशक पद पर प्रभारी अफसरों की तैनाती के लिये पिछले एक सप्ताह से चल रही कशमकश के बाद कौशांबी के डीडीएच सुरेन्द्र राम भास्कर ने चित्रकूट मंडल का प्रभार लेने में असमर्थता जतायी है। सूत्रों के मुताबिक भास्कर ने शासन को पारिवारिक कारणों से कार्यभार ग्रहण कर पाने में असमर्थ होने की जानकारी दे दी है।
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गौरतलब है कि शासन द्वारा पांच सितंबर को जारी आदेश में भास्कर को चित्रकूट मंडल का, प्रयागराज स्थित प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के मुख्य उद्यान विशेषज्ञ कृष्ण मोहन चौधरी को प्रयागराज मंडल तथा मिर्जापुर के डीएचओ मेवा राम को मिर्जापुर मंडल के डीडी पद का प्रभार सौंपते हुए तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया था।
प्रदेश के विभिन्न मंडलों में उद्यान विभाग के रिक्त पदों पर तैनाती की शुरुआत इन तीन मंडलों के आला अधिकारियों को प्रभार सौंपे जाने के साथ हुयी थी। इससे पहले ही विभागीय अधिकारियों के संगठन ने विभाग के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को इस प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन होने के तथ्य से अवगत करा दिया था।
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संगठन द्वारा मंत्री को लिखे पत्र में कार्मिक नियमावली का हवाला देकर बताया गया कि डीएचओ अथवा शोध अधिकारी को मंडल के उपनिदेशक पद का प्रभार नहीं सौंपा जा सकता है। इसे वरिष्ठता अनुक्रम का उल्लंघन बताते हुए संगठन ने मंत्री को यह भी बताया कि नये मंडलों में गैरसृजित पदों पर पड़ोसी मंडल के समकक्ष अधिकारी को ही प्रभार सौंपा जा सकता है। पहले के एक विभागीय आदेश के हवाले से संगठन ने बताया कि चित्रकूट मंडल के उद्यान उपनिदेशक पद का प्रभार झांसी मंडल के उपनिदेशक को ही दिया जा सकता है।
समझा जाता है कि उद्यान विभाग में मंडल स्तरीय अधिकारियों के पदों का प्रभार सौंपने की प्रक्रिया के शुरु में ही नियमों का पालन न होने की शिकायतों के कारण आगे की तबादला तैनाती प्रक्रिया को धक्का लगा है।
विभाग के लखनऊ स्थित मुख्यालय में आला अधिकारियों से लेकर मंत्रालय स्तर पर भी इस मामले में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौंशांबी और उनके प्रभार वाले मंडल प्रयागराज एवं मिर्जापुर में हुयी तीनों तैनातियों में शिकायत का मुद्दा मौर्य के संज्ञान में भी लाया गया है।(वार्ता)