DME Conclave: ‘एआई के युग में भर्ती परिदृश्य’ पर मीडिया दिग्गजों ने साझा किए अपने विचार

डीएमई मीडिया स्कूल ने ‘एआई के युग में हायरिंग लैंडस्केप’ विषय पर एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जिसमें मीडिया जगत के दिग्गजों ने चर्चा की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 March 2025, 12:30 PM IST
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नोएडा: देश के प्रमुख मीडिया संस्थान डीएमई मीडिया स्कूल ने शुक्रवार को मीडिया कनेक्ट एचआर कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में मीडिया क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की और आर्टिफिएशल इंटेलीजेंस यानि एआई युग में भर्ती परिदृश्य विषय पर चर्चा की गई। इसके साथ ही मीडिया उद्योग में एआई की भूमिका और भविष्य में इसके प्रभाव पर भी विस्तार से बातचीत हुई।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नौकरियों के लिये भर्ती प्रक्रिया में एआई की बढ़ती भूमिका और आने वाले समय में युवा पेशेवरों को नये बदलावों से निपटने के तौर-तरीकों को समझाया गया।

पैनलिस्टों संग चर्चा करते मनोज टिबड़ेवाल आकाश

डॉ. पारुल मेहरा ने अपने उद्घाटन भाषण में उद्योग जगत के पेशेवरों की नियुक्त करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डीएमई मीडिया स्कूल न केवल तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करता है, बल्कि नैतिक मूल्यों और उद्योग सिद्धांतों को भी सिखाता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके।

इससे पहले मीडिया कनेक्ट की सह-संयोजक गरिमा जैन ने सभी विशिष्ट अतिथियों और पैनलिस्टों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

कॉन्क्लेव में विचार साझा करते मीडिया के दिग्गज

इंटरेक्टिव सेशन के दौरान पैनलिस्टों ने इस बारे में जानकारी साझा की कि कैसे एआई भर्ती प्रक्रियाओं को नया रूप दे रहा है और परिचालन दक्षता को बढ़ा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई को मानवीय विशेषज्ञता के पूर्ण प्रतिस्थापन के बजाय एक सहायक उपकरण के रूप में काम करना चाहिए। 

डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने कहा कि लगातार संघर्ष और सीखते रहने की ललक से ही कोई मीडिया में सफल हो सकता है। किसी को भी कम से कम एक डोमेन में विशेषज्ञता विकसित करनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान बेहद जरूरी है।

उन्होंने छात्रों से चुनौतियों का सामना करने और विषम परिस्थितियों में काम करने की क्षमता विकसित करने को कहा, ताकि वे सफल मीडियाकर्मी बन सकें।

टिबड़ेवाल ने कहा कि आज के युग में एआई महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण इंसान का व्यवहार कौशल है।

मीडिया पेशेवरों से सवाल पूछते पत्रकारिता के छात्र

वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक श्वेता सिंह ने कहा कि पत्रकारिता में एआई द्वारा तैयार की गई स्क्रिप्ट अविश्वसनीय हैं इसीलिए मौलिक रिपोर्टिंग आवश्यक है।

मानव संसाधन विशेषज्ञ अदिति मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया पेशेवरों को बहु-कुशल होना चाहिए और स्वतंत्र रूप से स्क्रिप्टिंग, संपादन और पैकेजिंग सामग्री में सक्षम होना चाहिए।

पीआर विशेषज्ञ मनोज कुमार शर्मा ने एसईओ-एसएमओ रणनीतियों, जनसंपर्क में मजबूत लेखन कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया और एआई पर अत्यधिक निर्भरता के खिलाफ चेतावनी दी।

कॉन्क्लेव का समापन एक इंटरैक्टिव प्रश्न उत्तर सत्र के साथ हुआ, जहां छात्रों ने मीडिया उद्योग में अपने करियर और जीवन में एआई की भूमिका के बारे में मार्गदर्शन मांगा।

प्लेसमेंट सेल के संयोजक विशाल सहाय ने पैनलिस्टों और सभी मेहमानों को उनकी प्रतिष्ठित उपस्थिति और बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया।

कॉन्क्लेव का आयोजन डीएमई मीडिया स्कूल की एचओडी डॉ. पारुल मेहरा की देखरेख में किया गया।