Women's Safety in Delhi: राजधानी दिल्ली में कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं? जानिये उनके डरावने अनुभव
देश की राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इस मुद्दे को लेकर डाइनामाइट न्यूज ने कई महिलाओं के साथ बातचीत की, जिसमे कई डरावने अनुभन सुनने को मिले। पढिए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
नई दिल्ली: महिला सुरक्षा हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है। यह मामला कई बार जोर पकड़ता है लेकिन फिर स्थितियां जस की तस हो जाती है। देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं से जुड़े कई अपराध सामने आते रहते हैं, जिससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना कम होती जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ टीम दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर पहुंची और उनसे महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत की। इस दौरान महिलाओं ने कई तरह के अनुभव शेयर किये।
दिल्ली में निर्भया कांड के बाद सख्त कानून बनाया गया लेकिन इसके बावजूद भी महिला संबंधी अपराध कम होने के नाम नहीं रहे हैं। इस कानून का मुख्य उद्देश्य यौन अपराधों के लिए सजा को सख्त करना है।
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देश में सख्त नियम होने के बाद भी दिल्ली की छात्राओं ने महिला सुरक्षा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में महिलाओं ने कहा कि सख्त कानून लागू होने के बाद भी वे रात में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं।
एक महिला ने ये भी बताया कि जब वो अपने भाई के फ्लैट पर गई थी तो मकान मालिक ने ये कहा कि ये ओयो रूम नहीं है। जिससे लोगों की मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था सही होने के साथ-साथ मानसिकता को भी बदलना पड़ेगा।
वहीं विद्यार्थियों ने बातचीत के दौरान कहा कि जब वो दिल्ली की सडकों पर चलते हैं तो काफी असहजता का सामना करना पडता है, क्योंकि कई बार अधेड उम्र के व्यक्तियों की ओर से ज्यादातर छेड़-छाड़ और भद्दी टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के साथ बातचीत में कई महिलाओं ने अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा कि राजधानी में महिलाएं बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं और साथ ही कहा कि सरकार को आत्मरक्षा कोर्सेस के जरिए महिलओं को ट्रेनिंग देनी चाहिए, जिससे महिलाएं अपनी रक्षा स्वंय कर सकें।