कांग्रेस ने खट्टर सरकार पर साधा निशाना, हरियाणा के युवाओं के लिए बताया अभिशाप

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के युवाओं के लिए यह सरकार ‘अभिशाप’ साबित हुई है।

कांग्रेस नेत्री कुमारी शैलजा (फाइल)
कांग्रेस नेत्री कुमारी शैलजा (फाइल)


चंडीगढ़: कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के युवाओं के लिए यह सरकार ‘अभिशाप’ साबित हुई है।

विपक्षी दल ने दावा किया कि हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है।

पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे अधिक 37 प्रतिशत है, जबकि विभिन्न सरकारी विभागों में दो लाख पद खाली पड़े हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) की सरकार काम कर रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि राज्य में सब कुछ ‘ठहर-सा’ गया है।

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए शैलजा ने भाजपा को हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के उसके वादे की याद दिलाई और आरोप लगाया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ‘सिर्फ नारे देने में माहिर’ है।

हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार पर निशाना साधते हुए शैलजा ने कहा, “अगर हम पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पता चलता है कि यह सरकार हमारे युवाओं के लिए अभिशाप साबित हुई है।”

कांग्रेस नेता ने कहा, ''हरियाणा के युवाओं में हर क्षेत्र में छाने की क्षमता है, लेकिन क्या कारण है कि उन्हें हमारे राज्य में दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है?''

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर खट्टर सरकार पर निशाना साधा।

साल 2019 में आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) को लेकर सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर राज्य के युवाओं को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया।

एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, “हम सभी कांग्रेस के सिपाही हैं। हम हमेशा एकजुट थे और रहेंगे। हमारा लक्ष्य हरियाणा के बेरोजगार युवाओं की आवाज उठाना है।”

कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, हरको बैंक और अन्य विभागों में विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन पद कभी नहीं भरे गए।










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