

तेजस्वी ने भाजपा पर राज्य में आरक्षण चुराने का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया कि पहले से दिए जा रहे 65 प्रतिशत आरक्षण को भाजपा-एनडीए केंद्र सरकार ने नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र पर बिहार को विशेष दर्जा न देकर उसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार को इसके लिए जवाब देना होगा।
तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार, जिसे सबसे अधिक वित्तीय मदद और विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत थी, उसे एक बार फिर भाजपा-एनडीए सरकार ने केंद्रीय बजट में नजरअंदाज कर दिया। न विशेष राज्य का दर्जा, न रोजगार पर चर्चा, न स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर खर्च, न कारखानों और उद्योगों की व्यवस्था, न पलायन रोकने की विस्तृत योजना, न ट्रेनें और न ही कोई बड़ी निवेश परियोजनाएं और न ही बाढ़ और सूखे जैसी आपदाओं के स्थायी समाधान के लिए कोई विशेष वित्तीय सहायता।
तेजस्वी ने एक्स पर पोस्ट कर दावा किया, "क्या भाजपा और उसके सहयोगी दल बिहार की आवाज को अनसुना करते रहेंगे? राज्य में 20 साल और केंद्र में 11 साल की एनडीए सरकार को जवाब देना होगा। 2025 में सबकी जवाबदेही तय होगी, बिहार में बदलाव होगा।" उन्होंने भाजपा पर राज्य में आरक्षण चोरी करने का भी आरोप लगाया और आरोप लगाया कि जिस सरकार में राजद शामिल था, उसके द्वारा दिए गए 65 प्रतिशत आरक्षण को भाजपा-एनडीए केंद्र सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया।
एक्स पर एक पोस्ट में तेजस्वी यादव ने कहा, "जैसे नरभक्षी होता है, वैसे ही भाजपा आरक्षण भक्षक है। 17 महीने के छोटे कार्यकाल में जाति जनगणना के बाद दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों-अतिपिछड़ों के लिए हमने जो 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाया था, उसे भाजपा-एनडीए केंद्र सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया और उसे एक मामले में उलझा दिया।
उन्होंने कहा, बिहार में प्रक्रियाधीन 350000 से अधिक नौकरियों में 65% आरक्षण लागू न होने से एससी/एसटी, ओबीसी और अति पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को 16% आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा है, जिसके कारण इन वर्गों के 50000 से अधिक युवा अपनी नौकरी खो चुके हैं। सभी को एकजुट होकर आरक्षण चोर भाजपा-एनडीए को सबक सिखाना होगा।
इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और भारतीय जनता पार्टी के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। संजय सरावगी, सुनील कुमार, जिबेश मिश्रा, कृष्ण कुमार मंटू, मोतीलाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल और राजू कुमार सिंह। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।