पीएम मोदी की जाति को लेकर अमित शाह ने किया पलटवार, जानिए क्या बोले

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति पर बहस कर सार्वजनिक रूप से बार-बार झूठ बोलने की आदत रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह


नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति पर बहस हो रही है और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सार्वजनिक रूप से बार-बार झूठ बोलने की आदत रही है।

शाह ने यह भी कहा कि गुजरात में कांग्रेस सरकार ने ही 1994 में मोदी की जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल किया था और केंद्र ने साल 2000 में अपनी ओबीसी सूची में मोदी की जाति को शामिल किया था।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार उन्होंने यहां ‘ईटी नाऊ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024’ में कहा, ‘‘मोदी की जाति को 25 जुलाई 1994 को गुजरात में ओबीसी श्रेणी में दर्ज किया गया। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री छबीलदास मेहता थे और सत्ता में कांग्रेस पार्टी थी। तब तक मोदी ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा था। वह केवल संगठन के लिए काम करते थे। उनकी जाति का सवाल ही नहीं आया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, गुजरात सरकार ने उनकी जाति को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी। इसे आखिरकार साल 2000 में केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया गया। उस वक्त भी मोदी सत्ता में किसी पद पर नहीं थे - न ही सांसद थे, न विधायक और न ही सरपंच थे। वह 2001 में मुख्यमंत्री बने। इन लोगों की तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की आदत रही है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल की झूठ बोलने और फिर उसे दोहराने की आदत है।

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शाह ने कहा, ‘‘जहां तक मोदी की जाति का संबंध है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि नरेन्द्र मोदी जैसे महान नेता की जाति पर बहस हो रही है। राहुल गांधी को जाति और समूह में फर्क नहीं पता है।’’

उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा कि वह एक ओबीसी हैं और ओबीसी एक समूह है न कि कोई जाति। उन्होंने कहा कि राहुल को उनके शिक्षकों ने शायद यह सिखाया नहीं है।

शाह ने कहा, ‘‘जहां तक जाति का संबंध है तो मैं देश को बताना चाहता हूं कि जब मोदी जैसे एक महान नेता की जाति पर सवाल उठाया गया है, जिसे पूरी दुनिया ने नेता माना है तो हमें जवाब देना होगा। यह लोकतंत्र है।’’

कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को उठाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा कि वह विपक्षी दल से पूछना चाहते हैं कि उसने ओबीसी के लिए क्या किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘काका कालेलकर रिपोर्ट पर वर्षों तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कुछ नहीं किया। उसके बाद मंडल आयोग की रिपोर्ट आयी। उन्होंने वर्षों तक कुछ नहीं किया। जब तक कांग्रेस ने सत्ता नहीं गंवाई, मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया।’’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी ने ही ओबीसी को संवैधानिक मान्यता दी और मोदी ने ही ओबीसी आयोग गठित किया।

शाह ने कहा, ‘‘मोदी ही सभी केंद्रीय परीक्षाओं में ओबीसी के लिए आरक्षण लेकर आए। कांग्रेस हमेशा ओबीसी विरोधी पार्टी रही है।’’










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