रामजन्म भूमि पर हाईकोर्ट के फैसले पर देशवासियों ने बरता था संयम : PM Modi

रामजन्म भूमि पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को याद करते हुए कहा कि उस समय समस्त देशवासियों ने अदभुत संयम का परिचय दिया था जिससे देश ने आश्चर्यजनक बदलाव महसूस किया था।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 October 2019, 4:09 PM IST
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नयी दिल्ली: रामजन्म भूमि पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को याद करते हुए कहा कि उस समय समस्त देशवासियों ने अदभुत संयम का परिचय दिया था जिससे देश ने आश्चर्यजनक बदलाव महसूस किया था।

मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात ’ कार्यक्रम में आज कहा “ उन्हें याद है कि सितम्बर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जरा उन दिनों को याद कीजिये, कैसा माहौल था ,भांति-भांति के कितने लोग मैदान में आ गये थे | कैसे-कैसे समूह उन परिस्थितियों का अपने-अपने तरीके से फ़ायदा उठाने के लिए खेल खेल रहे थे |

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माहौल में गर्माहट पैदा करने के लिए, किस-किस प्रकार की भाषा बोली जाती थी | भिन्न-भिन्न स्वरों में तीखापन भरने का भी प्रयास होता था | कुछ बयानबाजों ने और कुछ बड़बोलों ने सिर्फ और सिर्फ खुद को चमकाने के इरादे से न जाने क्या-क्या बोल दिया था, कैसी-कैसी गैर - ज़िम्मेवार बातें की थी उन्हें सब याद है लेकिन यह सब कुछज्यादा दिन नहीं चला और जैसे ही फैसला आया, एक आनंददायक, आश्चर्यजनक बदलाव देश ने महसूस किया | ”

उन्होंने कहा “ एक दो हफ्ते तक गर्माहट के लिए सब कुछ हुआ था, लेकिन, जब राम जन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, सभी सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों तथा साधु-संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए ताकि माहौल में तनाव कम करने का प्रयास हो| मैं जब भी उस दिन को याद करता हूँ ,मन को खुशी होती है | न्यायपालिका की गरिमा को बहुत ही गौरवपूर्ण रूप से सम्मान दिया गया और कहीं पर भी तनाव का माहौल नहीं बनने दिया |

यह बातें हमेशा याद रखनी चाहिए |यह हमें बहुत ताकत देती है | वह दिन, वह पल, हम सबके लिए एक कर्त्तव्यबोध है | एकता का स्वर, देश को, कितनी बड़ी ताकत देता है उसका यह उदाहरण है |” (वार्ता)