झारखंड में बीजेपी को क्यों मिली करारी हार? जानें इसकी 5 प्रमुख वजह
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। जानें प्रदेश के चुनाव में बीजेपी की हार के प्रमुख कारणों के बारे में। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के साथ 24 साल के राजनीतिक इतिहास में बदलाव देखने को मिला। राज्य में पहली बार एक पार्टी ने सत्ता में मजबूती से वापसी की। झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन को जबरदस्त समर्थन मिला। प्रदेश की 81 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों में इंडिया गठबंधन 56 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा और एनडीए के पाले में 24 सिर्फ सीटें ही आ सकी।
इन 5 वजहों के चलते हारी बीजेपी
इस स्थिति में सवाल उठता है कि बीजेपी तमाम कोशिशों के बावजूद झारखंड में सत्ता क्यों नहीं बचा पाई। लगातार दूसरी बार बीजेपी को प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा। इसके पीछे पांच अहम वजहों का होना हैं:
1. स्थानीय नेतृत्व का अभाव
बीजेपी के पास झारखंड में कोई मजबूत स्थानीय चेहरा नहीं था। बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन के नाम चर्चा में थे, लेकिन दोनों नेताओं के पाला बदलने के कारण इनकी साख पर सवाल उठे। वहीं, हेमंत सोरेन की लोकप्रियता ने उन्हें जनता की पहली पसंद बना दिया।
यह भी पढ़ें |
Jharkhand Election 2024: झारखंड में कांग्रेस पार्टी को लगा बड़ा झटका, दिग्गज नेता BJP में शामिल
2. महिला वोटर्स का झुकाव
हेमंत सोरेन की "मैयां सम्मान योजना" और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की सक्रियता ने महिला वोटरों को लुभाया। महिला वोटिंग प्रतिशत में 4% की वृद्धि ने गठबंधन को फायदा पहुंचाया।
3. आदिवासी वोट बैंक की नाराजगी
आदिवासी बहुल इलाकों में हेमंत सोरेन ने बीजेपी के खिलाफ आदिवासी अस्मिता और अधिकारों के मुद्दे को भुनाया। खतियान और आरक्षण जैसे मसलों पर केंद्र की राजनीति को लेकर नाराजगी ने आदिवासियों को गठबंधन के पक्ष में कर दिया।
4. कुड़मी वोट का बिखराव
यह भी पढ़ें |
Kedarnath By Election Result: केदारनाथ सीट भाजपा की झोली में, आशा नौटियाल जीतीं
कुड़मी समुदाय, जो बीजेपी का पारंपरिक समर्थक रहा है, वह इस बार बंट गया। जयराम महतो की एंट्री और आजसू पार्टी के कमजोर प्रदर्शन ने बीजेपी के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया।
5. प्रमुख नेताओं की हार
बीजेपी के बड़े नेता अपनी सीटें बचाने में नाकाम रहे। इनमें सीता सोरेन,अमर कुमार बाउरी, बाबू लाल सोरेन जैसे प्रमुख चेहरों की हार ने पार्टी को बड़ा झटका दिया।