

BCCI ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए क्रिप्टो और ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों को बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है। हाल ही में देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर लगे कानूनी प्रतिबंध के बाद यह कदम उठाया गया है।
बीसीसीआई ने इन कंपनियों को किया बैन (Img: Internet)
New Delhi: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मंगलवार को साफ कर दिया कि क्रिप्टो और ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग से जुड़ी कंपनियों को अब टीम इंडिया के मुख्य प्रायोजन अधिकारों के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर कानूनी रूप से रोक लगाई गई है।
BCCI ने नए प्रायोजकों के लिए रुचि पत्र जारी किया है। इच्छुक कंपनियों को 5 लाख रुपये (प्लस GST) का गैर-वापसी योग्य शुल्क जमा करना होगा। यह प्रक्रिया 16 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।
BCCI के दिशानिर्देशों के अनुसार, क्रिप्टो ट्रेडिंग, एक्सचेंज, टोकन, सट्टेबाजी, जुआ और ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग से जुड़ी कंपनियां किसी भी हालत में इस प्रायोजन के लिए बोली नहीं लगा सकेंगी। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यह रोक सिर्फ सीधी ब्रांडिंग पर ही नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष गठजोड़ और प्रॉक्सी ब्रांडिंग पर भी लागू होगी।
इसका मतलब यह है कि यदि कोई कंपनी किसी दूसरी संस्था के जरिए या दूसरे नाम से भी इस प्रक्रिया में शामिल होना चाहती है, तो वह भी अनुमति के दायरे से बाहर रहेगी।
हाल ही में संसद ने ऑनलाइन गेमिंग (प्रचार और विनियमन) विधेयक पारित किया है, जिसके तहत देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। नए कानून के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
इस फैसले का सीधा असर ड्रीम स्पोर्ट्स, एमपीएल, ज़ूपी जैसी बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियों पर पड़ा है। इन कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि वे रियल मनी गेमिंग से जुड़े अपने कारोबार को बंद करने की तैयारी कर रही हैं। ड्रीम स्पोर्ट्स के पास पहले टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप भी थी।
बीसीसीआई (Img- Internet)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय संस्थाएं लंबे समय से क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर आशंकाएं जता रही हैं। अब BCCI के इस निर्णय से स्पष्ट है कि सरकारी एजेंसियों और खेल संगठनों के बीच क्रिप्टो को लेकर सतर्कता बढ़ रही है।
BCCI के इस सख्त रुख के बाद संभावना है कि अन्य खेल संगठन भी क्रिप्टो और रियल मनी गेमिंग से दूरी बनाने पर विचार करें। भारत जैसे बड़े बाजार में यह कदम मार्केटिंग और ब्रांडिंग की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।