

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले से पहले देशभर में विरोध की लहर है। वहीं टीम इंडिया के खिलाड़ी भी पाकिस्तान के खिलाफ ‘सांकेतिक विरोध’ की तैयारी में हैं।
टीम इंडिया (Img: Internet)
Dubai: पिछले एक दशक से भी अधिक समय बीत चुका है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेली गई हो। दोनों देश अब सिर्फ आईसीसी या एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के टूर्नामेंटों में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरते हैं। आमतौर पर भारत-पाक मैच को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है, लेकिन इस बार एशिया कप 2025 में स्थिति बिल्कुल अलग है। ऐसे में अब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में प्रोटेस्ट कर सकती है।
एशिया कप 2025 के तहत रविवार, 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में एक हाई-प्रोफाइल लीग मुकाबला खेला जाना है। हालांकि, इस बार भारत के क्रिकेट फैंस इस मैच को लेकर उत्साहित नहीं हैं, बल्कि इसका बहिष्कार कर रहे हैं। इसकी वजह देश में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों को माना जा रहा है। खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने लोगों की भावनाओं को गहरा झटका दिया है।
भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की द्विपक्षीय खेल प्रतियोगिता आयोजित नहीं की जाएगी। हालांकि, बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में भाग लेने से मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय आयोजनों का हिस्सा है। यही बात फैंस को अखर रही है, जिसके चलते वे सोशल मीडिया पर बीसीसीआई और खिलाड़ियों को लगातार ट्रोल कर रहे हैं और विरोध दर्ज कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मैदान में उतरने से पहले एक 'सांकेतिक विरोध' (symbolic protest) करने की योजना बनाई है। खिलाड़ी हेड कोच गौतम गंभीर से इस मुद्दे पर बात भी कर चुके हैं। गंभीर ने खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे मैदान पर अपने खेल पर ध्यान दें, क्योंकि यह मैच दुबई में हो रहा है और वहां फैंस की भागीदारी सीमित है।
भारत बनाम पाकिस्तान (Img: Internet)
टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ी पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान काली पट्टी बांध सकते हैं या फिर मैच शुरू होने से पहले पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इंकार कर सकते हैं। यह विरोध पूरी तरह सांकेतिक होगा, जिससे दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि भारत के लोग आतंकवाद और उसके समर्थन करने वालों के खिलाफ एकजुट हैं।
बीसीसीआई भी फैंस के मूड को अच्छी तरह समझ रहा है और यही कारण है कि वह इस मैच को सिर्फ एक क्रिकेट मुकाबला नहीं, बल्कि एक संदेशवाहक मंच के रूप में देख रहा है। बोर्ड और खिलाड़ी दोनों चाहते हैं कि दुनिया को यह साफ दिखे कि भारतीयों की पाकिस्तान के प्रति भावना क्या है चाहे वह सरकार हो, खिलाड़ी हों या आम नागरिक।