

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला भावनाओं और राष्ट्रहित से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। एक ओर आर्थिक हित और वैश्विक दबाव इस मैच के आयोजन को जरूरी बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहीद परिवार और कई नेता इसके बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।
भारत बनाम पाकिस्तान मैच (Img: X)
Dubai: एशिया कप 2025 में आज रविवार को भारत बनाम पाकिस्तान का मुकाबला खेला जाना है। यह मैच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होगा। लेकिन, मुकाबले को लेकर देश में विरोध काफी बढ़ रहा है। पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए कई लोग इस मुकाबले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जिसकी वजह से ये भी सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत क्यों पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहा है।
आमतौर पर भारत-पाकिस्तान जैसे बड़े मुकाबलों से पहले उत्साह चरम पर होता है। टिकटों की बिक्री, मीडिया कवरेज, फैंस की भीड़, अभ्यास सत्र, होटल लॉबी में हलचल ये सारे दृश्य स्वाभाविक हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग है। अभ्यास सत्र शांत थे, स्टैंड्स आधे खाली दिखे, ऑनलाइन टिकट पोर्टल पर अभी भी कई टिकट बचे हैं।
मैच से पहले कुछ लोगों ने सार्वजनिक रूप से बहिष्कार की अपील की है। उनका कहना है कि खेल राष्ट्रीयता और भावुकता से जुड़ा है, और जब देश अभी भी शोक और आपदाओं से जूझ रहा है, मुकाबला करना सही नहीं है। टिकट खरीदारों की संख्या कम होने लगी है। यदि भारत टीम इस मुकाबले से इनकार कर देगा तो टीम को ही नुकसान पहुंचेगा।
भारत बनाम पाकिस्तान (Img: Internet)
हर घटना की तरह इस मामले में आर्थिक हित भी बराबर भूमिका निभा रहे हैं। ICC और ACC जानते हैं कि भारत-पाक मुकाबले दुनिया भर में सबसे ज़्यादा व्यूअरशिप पैदा करते हैं। विज्ञापन, प्रसारण अधिकार, स्पॉन्सरशिप, ये तमाम चीज़ें बहुत बड़े दांव पर होती हैं। इस मैच से जुड़े राजस्व, टिकट बिक्री और लाइव टेलीकास्टिंग से होने वाली कमाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर रखा है कि द्विपक्षीय सीरीज़ों में पाकिस्तान से मैच नहीं होंगे, पर बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप या वर्ल्ड कप में भारत द्वारा भागीदारी की अनुमति है। ICC/ACC के नियम भी यही कहते हैं कि ये मुकाबले आयोजन में बाधा नहीं बन सकते। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हुई कि क्रिकेट को राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए, लेकिन अदालत ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया।
देश के लिए यह सिर्फ क्रिकेट नहीं यह पहचान, सम्मान और भावना का सवाल है। यदि वीजा रद्द हो सकते हैं, अगर सेलिब्रेशन रोके जा सकते हैं, अगर सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार हो सकते हैं, जल संधि रुक सकती है तो क्यों खेल को अलग तरीके से देखा जा रहा है? जब राष्ट्रीय हित और भावनाएं गहराई तक प्रभावित हों, तब क्या खेल को आर्थिक लाभ से ऊपर रखा जाना चाहिए?
हालांकि, इसका जवाब ना सरकार की तरफ से सामने आया है और ना ही बीसीसीआई की तरफ से। जिसका मतलब साफ है कि ये मुकाबला खेला जाएगा।