

भारत में हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। यह परंपरा 15 अगस्त 1947 से शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक जिन प्रधानमंत्रियों ने लाल किले पर तिरंगा फहराया है, उनकी सूची नीचे दी गई है…
लाल किला
New Delhi: 1947 में आजादी मिलने के बाद से हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं। यह परंपरा पंडित जवाहरलाल नेहरू से शुरू हुई और अब तक देश के हर प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभा चुके हैं। कुछ ने कई बार तो कुछ को यह अवसर कभी नहीं मिला। आइए जानते हैं कि आजादी के बाद से अब तक किन-किन नेताओं ने लाल किले से तिरंगा फहराया है और किसने कितनी बार इस परंपरा को निभाया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू (1947-1964)
आजादी के साथ ही भारत के पहले प्रधानमंत्री बने पंडित नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को पहली बार लाल किले से तिरंगा फहराया। उन्होंने कुल 17 बार तिरंगा फहराया, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। वे 1947 से 1964 तक हर स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते रहे।
गुलज़ारीलाल नंदा (1964 और 1966)
गुलज़ारीलाल नंदा दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, पहली बार नेहरू के निधन के बाद और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद। दोनों बार उनका कार्यकाल स्वतंत्रता दिवस के समय नहीं था, इसलिए उन्हें कभी लाल किले पर तिरंगा फहराने का मौका नहीं मिला।
लाल बहादुर शास्त्री (1964-1966)
शास्त्री जी ने केवल एक बार, 15 अगस्त 1965 को तिरंगा फहराया। अगले साल जनवरी में उनके असामयिक निधन के कारण वे केवल एक बार ही इस परंपरा को निभा सके।
इंदिरा गांधी (1966-1977, 1980-1984)
इंदिरा गांधी ने दो कार्यकालों में कुल 16 बार तिरंगा फहराया। 1977 में चुनाव हारने और सत्ता से बाहर रहने के कारण तीन साल उन्होंने यह अवसर नहीं पाया, लेकिन फिर 1980 में वापसी के बाद उन्होंने यह जिम्मेदारी दोबारा निभाई।
मोरारजी देसाई (1977-1979)
जनता पार्टी के नेता मोरारजी देसाई ने 1977 और 1978 में लाल किले से तिरंगा फहराया।
चरण सिंह (1979-1980)
चरण सिंह का कार्यकाल अल्पकालिक था, लेकिन उन्होंने 1979 में एक बार लाल किले से तिरंगा फहराया।
राजीव गांधी (1984-1989)
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी ने 1985 से 1989 तक कुल 5 बार लाल किले से तिरंगा फहराया।
वी. पी. सिंह (1989-1990)
वी. पी. सिंह ने एक बार 15 अगस्त 1990 को लाल किले पर झंडा फहराया।
चंद्रशेखर (1990-1991)
चंद्रशेखर प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान स्वतंत्रता दिवस नहीं आया, इसलिए वह यह परंपरा निभा नहीं सके।
पी. वी. नरसिम्हा राव (1991-1996)
आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री राव ने अपने कार्यकाल में 5 बार तिरंगा फहराया।
अटल बिहारी वाजपेयी (1996, 1998-2004)
अटल बिहारी वाजपेयी का पहला कार्यकाल सिर्फ 13 दिन का था, इसलिए तब उन्हें यह मौका नहीं मिला। लेकिन 1998 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने 6 बार तिरंगा फहराया।
एच.डी. देवेगौड़ा (1996-1997)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री रहे देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री रहते हुए 1996 में लाल किले पर तिरंगा फहराया।
इंद्र कुमार गुजराल (1997-1998)
गुजराल जी का कार्यकाल छोटा था, लेकिन उन्हें 15 अगस्त 1997 को तिरंगा फहराने का अवसर मिला।
डॉ. मनमोहन सिंह (2004-2014)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए लगातार 10 बार तिरंगा फहराया। यह एक लंबे और स्थिर कार्यकाल का प्रतीक है।
नरेंद्र मोदी (2014-वर्तमान)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से अब तक लगातार 12 बार लाल किले से झंडा फहरा चुके हैं (2025 तक)। उन्होंने हर बार भाषण के साथ नए रिकॉर्ड भी बनाए, जैसे कि सबसे लंबे भाषण और नीतिगत घोषणाएं।