

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिये नीट पीजी परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नीट पीजी परीक्षा पर आया सुप3ीम कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में दाखिले के लिये सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत का यह फैसला उन लाखों छात्रों के लिये राहत लेकर आया है, जो नीट पीजी परीक्षा की शिफ्ट को लेकर असमंजस में थे।
शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करने के बाद नीट पीजी परीक्षा के लिये एक शिफ्ट में ही एग्जाम कराने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा को दो शिफ्ट में कराना गलत होगा।
समान अवसर जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि छात्रों को समान अवसर दिया जाना जरूरी है और छात्रों के एक जैसा माहौल मिलना चाहिये।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, "नीट पीजी परीक्षा को दो शिफ्ट में आयोजित करना छात्रों में असमानता पैदा करता है और यह सभी उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं दे सकता। दो अलग-अलग शिफ्ट में पूछे गए प्रश्न पत्र कभी भी एक जैसे कठिनाई स्तर के नहीं हो सकते। पिछली बार विशेष परिस्थितियों में परीक्षा दो शिफ्ट में कराई गई थी, लेकिन इस बार परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था को एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।"
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि दो शिफ्ट में परीक्षा कराने से प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर में अंतर आ जाता है, जिससे परीक्षाफल और रैंकिंग पर सीधा असर पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दलील
सुप्रीम कोर्ट ने एनबीई की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा था कि पूरे देश में एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त केंद्र उपलब्ध नहीं हैं।
पर्याप्त परीक्षा केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने एनबीई की इस दलील पर कहा कि, "हम इस तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि पूरे देश में और देश में उपलब्ध तकनीकी प्रगति को देखते हुए परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं ढूंढ सकी।"
15 जून को परीक्षा
नीट पीजी की परीक्षा पूरे देश में 15 जून को होनी है।
छात्रों ने दायर की थी याचिका
नीट पीजी 2024 परीक्षा में पारदर्शिता की मांग को लेकर छात्रों ने सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। छात्रों की मांग थी कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराई जाए, क्योंकि दो शिफ्ट में परीक्षा होने से नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो उन्हें असमान और अनुचित लगती है।