

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंगलवार को भीलवाड़ा दौरे के दौरान एक ओर तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नगर निगम में आयोजित शहरी सेवा शिविर में शामिल होकर अवलोकन किया, लाभार्थियों को चेक दे रहे थे, तो दूसरी ओर टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम के उप महापौर और कुछ पार्षदगण कुर्सी ना मिलने से नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गए।
कुर्सी ना मिलने पर जमीन पर बैठे लोग
Bhiwara: अंतिम क्षणों में अचानक तैयार हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंगलवार को भीलवाड़ा दौरे के दौरान एक ओर तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नगर निगम में आयोजित शहरी सेवा शिविर में शामिल होकर अवलोकन किया, लाभार्थियों को चेक दे रहे थे, तो दूसरी ओर टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम के उप महापौर और कुछ पार्षदगण कुर्सी ना मिलने से नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गए।
विरोध स्वरूप जमीन पर बैठे उपमहापौर रामलाल योगी और पार्षदगण को कुछ देर तक किसी ने मनाने की जहमत तक नहीं उठाई। हुआ यूं कि मंच पर मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, सासंद, विधायकगण, महापौर और जिलाध्यक्ष को जगह दी गई थी और नीचे अग्रिम पंक्तियों में लाभार्थियों को बैठा रखा था, इसलिए उपमहापौर और पार्षदगण को बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाई और विरोधस्वरूप सभी जन जमीन पर ही बैठ गए और इसी के साथ सभी को जमीन से जुड़े रहने का एहसास भी करा दिया।
कहीं यह जमीन से जुड़े रहने का एहसास आने वाले नगर निगम चुनाव की तैयारी तो नहीं? मुख्यमंत्री के भीलवाड़ा पहुंचने से पहले सिखवाल समाज के लोग कुछ दिन पूर्व हुई सांवरलाल शर्मा की हत्या के मामले में निष्पक्ष कार्यवाही करने और मामले में शामिल पुलिस वालों पर कार्यवाही करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रट पर ज्ञापन देने पहुंच गए और हंगामा करने लगे, मुख्य मार्ग जिस मार्ग से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरने वाला था वह रास्ता जाम कर दिया और मजबूरन पुलिस को अंतिम क्षणों में रास्ता साफ करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना करना पड़ गया।
पुलिस एवं प्रशासन चाहता तो इस प्रदर्शन को रोका जा सकता था या स्थगित किया जा सकता था, परन्तु ऐसे संवेदनशील समय पर जब मुख्यमंत्री का काफिला गुजरने वाला हो ठीक उसी समय प्रदर्शन के कई मायने निकाले जा रहे है ,कुछ लोग तो इसे "intelligence failure" तक कह रहे है?