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हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध को लेकर बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसमें 14 गाड़ियां जला दी गईं और 50 से अधिक लोग घायल हुए। किसानों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़कर पुलिस से भिड़ंत की। कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी घायल हुए। टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद है।
हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध को लेकर भड़की हिंसा
Hanumangarh: हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चल रहे विवाद ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया है। राठीखेड़ा क्षेत्र में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के खिलाफ किसानों और स्थानीय लोगों द्वारा लंबे समय से विरोध जारी है, लेकिन बुधवार को यह विरोध अचानक उग्र हो गया। इलाके में आज भी तनाव बरकरार है और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है।
गुरुवार सुबह से ही किसान बड़ी संख्या में टिब्बी के गुरुद्वारे पहुंचने लगे हैं, जहां दिन में होने वाली सिंह सभा में आंदोलन की आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद कर रखी हैं। वहीं, टिब्बी और राठीखेड़ा में पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती भी काफी बढ़ा दी गई है।
बुधवार दोपहर किसानों ने टिब्बी एसडीएम ऑफिस के बाहर महापंचायत की। किसानों और नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें फैक्ट्री निर्माण रोकने का कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया। इसी गुस्से में शाम करीब 4 बजे सैकड़ों किसान ट्रैक्टरों के साथ फैक्ट्री की ओर बढ़ गए और वहां पहुंचते ही फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी। इसके बाद पुलिस और किसानों में तीखी झड़प शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गई।
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पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, गुस्साए किसानों ने फैक्ट्री परिसर में खड़ी 14 गाड़ियां आग के हवाले कर दीं। जिला प्रशासन ने देर रात इसकी आधिकारिक पुष्टि की। हिंसा में 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी, किसान और स्थानीय लोग शामिल हैं।
बवाल के दौरान संगरिया के कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी घायल हो गए। उनके सिर पर गंभीर चोट आई और उन्हें तीन टांके लगाए गए। इसके बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने अनावश्यक बल प्रयोग किया।
राठीखेड़ा में चंडीगढ़ स्थित ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट बना रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्लांट केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम का हिस्सा है।
लेकिन बड़ी समस्या यह है कि कंपनी को इस परियोजना के लिए आवश्यक पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है। किसानों का कहना है कि बिना एनवायरनमेंट क्लियरेंस के निर्माण कार्य प्रदेश और केंद्र, दोनों कानूनों का उल्लंघन है। इससे गांव की भूमि, पानी और फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
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कांग्रेस नेता शबनम गोदारा ने प्रशासन को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि किसानों की मांगों को अनसुना कर प्रशासन ने हालात बिगड़ने दिए। वहीं, श्रीगंगानगर जिला कांग्रेस अध्यक्ष व करणपुर विधायक रूपिंदर कुन्नर ने घोषणा की कि वे हजारों लोगों के साथ राठीखेड़ा जाएंगे। उनका कहना है कि किसानों की लड़ाई सड़क हो या विधानसभा, कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी।
करीब 100 किसान बुधवार रात गुरुद्वारे में ही रुके और सुबह होते ही अन्य किसान भी वहां पहुंचने लगे हैं। दोपहर 12 बजे होने वाली गुरुद्वारा सिंह सभा में यह तय होगा कि आगे आंदोलन किस रूप में जारी रखा जाए।
फैक्ट्री हटाओ संघर्ष समिति और किसानों का स्पष्ट कहना है कि जब तक प्रशासन लिखित में फैक्ट्री निर्माण रोकने का आदेश नहीं देता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। गांव में अभी भी तनाव गहरा है, भले ही बाजार खुले हुए दिखाई दें।
700 से अधिक पुलिसकर्मी, RAC और होमगार्ड तैनात हैं और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।