

जापान की सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने पहली बार महिला नेता साने ताकाइची को चुना है, जो जल्द ही देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन सकती हैं। उनके सामने बढ़ती बूढ़ी आबादी और आप्रवास के मुद्दे बड़ी चुनौतियां हैं।
साने ताकाइची
Tokyo: जापान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार एक महिला प्रधानमंत्री के जन्म की संभावना मजबूत हो गई है। साने ताकाइची को जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने नया नेता चुना है। अगर वह प्रधानमंत्री बनती हैं, तो यह जापान में महिला नेतृत्व की नई शुरुआत मानी जाएगी।
साने ताकाइची ने एलडीपी के नेतृत्व के लिए शनिवार को हुए रन-ऑफ चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के बेटे, शिंजिरो कोइजुमी को पराजित किया। पहले दौर में किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 44 वर्षीय शिंजिरो कोइजुमी जीतते तो वे एक सदी में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बन जाते। ताकाइची की जीत ने जापान की राजनीति में नया इतिहास रच दिया है।
साने ताकाइची
1955 से लगभग लगातार सत्ता में बनी रहने वाली एलडीपी को इस बार मतदाताओं को एकजुट करने में कई चुनौतियों का सामना करना होगा। जापान में एक नई राजनीतिक पार्टी ‘सानसेतो’ उभर रही है, जो आप्रवासियों को “चुपचाप आक्रमण” कहकर नापसंद करती है। साने ताकाइची और शिंजिरो दोनों ने चुनावी अभियान में इस तरह के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की, जो विदेशियों और प्रवासियों के प्रति नकारात्मक रवैया रखते हैं।
नेता चुने जाने के बाद ताकाइची ने कहा, “जापान को उन नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए जो विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमि वाले लोगों को आने की अनुमति देती हैं।” शिंजिरो कोइजुमी ने भी विदेशी कर्मचारियों की अवैध रोजगार और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर जोर दिया। जापान में यह मुद्दे मुख्यधारा की राजनीति में कम ही उठाए जाते हैं, क्योंकि विदेशी मूल के लोग केवल 3 प्रतिशत हैं।
ताकाइची को कई बड़े मुद्दों से निपटना होगा। उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए अपने पूर्व मेंटर, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की नीतियों का समर्थन किया है, जिसमें मौद्रिक ढील और बड़े वित्तीय व्यय शामिल हैं। हालांकि चुनाव के दौरान उन्होंने चीन के प्रति मध्यम रुख अपनाया और यासुकुनी मंदिर के प्रति अपने पुराने कड़े रुख में नरमी दिखाई। एलडीपी के दक्षिणपंथी पंख से जुड़ी ताकाइची के नेतृत्व में जापान के महिला नेतृत्व की उम्मीदें और आशंकाएं दोनों हैं।
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64 वर्षीय साने ताकाइची जापान की पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री रह चुकी हैं और एलडीपी के दक्षिणपंथी धड़े से जुड़ी हैं। उनका राजनीतिक करियर कड़े रुख और सख्त नीतियों के लिए जाना जाता है। 15 अक्टूबर को संसद में प्रधानमंत्री चुनाव होगा, जिसमें साने ताकाइची शिगेरु इशिबा की जगह लेने की दावेदारी करेंगी। एलडीपी संसद में सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन हाल के चुनावों में उन्हें बहुमत नहीं मिला है, जिससे उन्हें विपक्षी दलों के साथ गठजोड़ करना पड़ सकता है।