

कोल्हुई थाना क्षेत्र अंतर्गत काश्त खैरा गांव में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। गांव में स्थापित 25 केवीए का ट्रांसफार्मर एक सप्ताह पूर्व जल गया, लेकिन विद्युत विभाग की के चलते अब तक उसे बदला नहीं गया है। लगातार बढ़ती गर्मी और बिजली न होने से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने गांव में ही प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शन करते गांव के लोग
Kolhui (Maharajganj): कोल्हुई थाना क्षेत्र अंतर्गत काश्त खैरा गांव में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। गांव में स्थापित 25 केवीए का ट्रांसफार्मर एक सप्ताह पूर्व जल गया, लेकिन विद्युत विभाग की के चलते अब तक उसे बदला नहीं गया है। लगातार बढ़ती गर्मी और बिजली न होने से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने गांव में ही प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि बिजली न होने से गांव की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बच्चों की पढ़ाई ठप है, पंखा-कूलर बंद पड़े हैं, और रात में अंधेरे में रहना मजबूरी बन गया है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांव के कंपोजिट विद्यालय में भी बिजली नहीं है, जिससे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
बिजली विभाग पर गंभीर आरोप
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए विभाग के कुछ कर्मचारियों ने ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर "सुविधा शुल्क" लिया, लेकिन इसके बावजूद एक सप्ताह बीतने के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया। राजकुमार निषाद, सुख्खू वरूण, तुफैल अहमद, डॉ. अशरफ खान, अजय सिंह, शैलेश कुमार सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यह अवैध वसूली पूरी तरह से गलत है और विभाग के अंदर भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोल्हुई विद्युत उपकेंद्र के अधिकारी और कर्मचारी मामले को टालते रहे, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया, तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे और विभागीय कार्यालय का घेराव भी कर सकते हैं।
विद्युत विभाग का पक्ष
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नौतनवा के कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) अजय कुमार सिंह ने बताया कि गांव की शिकायत संज्ञान में ली गई है और ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से ट्रांसफार्मर निशुल्क बदले जाते हैं। यदि किसी कर्मचारी ने सुविधा शुल्क लिया है, तो उसकी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा कि विद्युत विभाग की लापरवाही ने गांव को एक तरह से बिजली संकट में धकेल दिया है। उनका कहना है कि बिजली नहीं होने से सिंचाई, घरेलू कार्य, बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाएं सभी प्रभावित हो रही हैं। यदि जल्द ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया, तो मजबूर होकर उन्हें बड़ा आंदोलन खड़ा करना पड़ेगा।