Stock Market Closed: ट्रंप के 50% टैरिफ के दबाव में भारतीय शेयर बाजार लड़खड़ाया, सेंसेक्स 765 अंक लुढ़का

आज यानी 8 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ प्रस्ताव का बड़ा असर देखा गया। बीएसई सेंसेक्स 765 अंक और एनएसई निफ्टी 232 अंक गिरकर बंद हुए। बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव दिखा, जहां इंडसइंड बैंक के शेयर 3.3% टूटे। निफ्टी बैंक 500 अंक नीचे आया। मिडकैप इंडेक्स में हल्की बढ़त तो रही लेकिन स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट का माहौल रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी चुनाव और व्यापार नीतियों की अनिश्चितता के चलते आने वाले दिनों में बाजार अस्थिर रह सकता है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 8 August 2025, 4:37 PM IST
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New Delhi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की धमकी ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी है, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। शुक्रवार, यानी आज 8 अगस्त को भारतीय बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 765.47 अंक या 0.95% टूटकर 79,857.79 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 232.85 अंक यानी 0.95% की गिरावट के साथ 24,363.30 पर बंद हुआ।

सुबह से ही गिरावट के संकेत

आज बाजार की शुरुआत ही कमजोरी के साथ हुई थी। अमेरिकी बाजारों से मिले कमजोर संकेतों और ट्रंप की टैरिफ नीति की आशंका ने निवेशकों की भावनाओं पर असर डाला। खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में चले गए, जो दिनभर कायम रहा।

बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में दबाव

निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। यह 500 अंक या 0.93% की गिरावट के साथ 55,000 के स्तर पर बंद हुआ। खासतौर पर इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और श्रीराम फाइनेंस जैसे दिग्गज स्टॉक्स में भारी बिकवाली देखी गई।

Share Market Crash

बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव

इंडसइंड बैंक के शेयरों में 3.3% तक की गिरावट रही, जो आज का सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा। इसके अलावा भारती एयरटेल, अडानी एंटरप्राइजेज, श्रीराम फाइनेंस, टाटा मोटर्स भी दबाव में रहे। निवेशकों में यह डर फैल गया है कि अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने और 50% टैरिफ लागू हुआ, तो इससे भारतीय कंपनियों का अमेरिकी बाजारों में एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है।

मिडकैप और स्मॉलकैप में मिला-जुला रुझान

बीएसई मिडकैप इंडेक्स में थोड़ा अलग रुख देखने को मिला। यह 700 अंक यानी 1.56% बढ़कर 44,570.89 पर बंद हुआ। मिडकैप स्टॉक्स में कुछ चुनिंदा कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही, जिससे यह इंडेक्स हरे निशान में बंद हो सका।

वहीं बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 540 अंक या 1% की गिरावट के साथ 51,596.97 पर बंद हुआ। छोटे निवेशकों ने जोखिम से बचने के लिए मुनाफावसूली की, जिससे इस कैटेगरी में बिकवाली हावी रही।

आगे की रणनीति क्या हो?

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि जब तक अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर स्पष्टता नहीं आती, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। ट्रंप की नीतियों पर निवेशकों की निगाहें टिकी हैं क्योंकि भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी सीधे तौर पर असर डालती है।

विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि फिलहाल निवेशक सतर्कता बरतें और उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में ही निवेश करें। विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर भी नजर रखना जरूरी है, क्योंकि वे बाजार की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

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