

जब फरेंदा तहसील की जनसुनवाई बंद कमरों में होती थी, तो शिकायतें कहीं तक पहुंच नहीं पाती थीं। अब SDM शैलेन्द्र गौतम ने इसे खुले बरामदे में याद दिल दी है — जनता की आवाज़ सीधे और निर्भीक तरीके से, बिना किसी रुकावट या संकोच के सामने रखी जा सकती है।
SDM फरेंदा की अभिनव पहल
Maharajganj, Farenda : अब फरेंदा तहसील की जनसुनवाई एक नया रूप ले चुकी है। जहां पहले शिकायतें बंद कमरे में सीमित रहती थीं, वहीं अब उप-जिलाधिकारी (SDM) शैलेन्द्र गौतम ने खुले बरामदे में यह प्रक्रिया शुरू की है। यह अनूठा प्रयास प्रशासन और जनता के बीच पारदर्शी संवाद की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सोमवार को फरेंदा तहसील परिसर में जन-सुनवाई का आयोजन हुआ, जिसमें SDM गौतम ने अपने कार्यालय कक्ष के बाहर ही खुले बरामदे में सभी फरियादियों को आमंत्रित करके उनकी समस्याएं सुनीं। इस पहल का उद्देश्य जनता की समस्याओं को सीधे, निर्भीक और प्रभावी तरीके से अधिकारियों के सामने रखना है।
तहसील परिसर का खुला बरामदा अब जनसुनवाई का मंच बन गया है। इससे कोई भी व्यक्ति बिना किसी संकोच के अपनी शिकायत रख सकता है। SDM गौतम ने बताया कि यह पहल जिलाधिकारी ग्रामविकास एवं प्रशासनिक सुधारों के निर्देश पर पूरी की गई है। इसका लक्ष्य जनसुनवाई को अधिक सुलभ, प्रभावी और जवाबदेह बनाना है। शिकायतों को तुरंत ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज कराया जाता है। इससे पोर्टल आधारित ट्रैकिंग संभव हुई, जिससे शिकायतों के निस्तारण की अवधि और गुणवत्ता की निगरानी होती है। SDM ने अधीनस्थ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक शिकायत को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से हल किया जाए इस नए प्रारूप को जनता ने काफी सराहा है। यहां पहुंची शिकायतों में पानी-नाली, भूमि विवाद, लोकल परिवहन, बेरोज़गारी एवं बिजली–पानी संबंधी परेशानी प्रमुख रही।
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इस तरह की पारदर्शी जनसुनवाई से प्रशासन में विश्वास बढ़ रहा है। लोग अधिकारी से सीधे जुड़ सकते हैं, और समस्या जानकारी सिस्टम में दर्ज होने के बाद ट्रैक की जाती है। इससे प्रशासनिक जवाबदेही और भ्रष्टाचार के जोखिम में कमी आई है। यह नई प्रणाली न सिर्फ फरेंदा बल्कि तहसील स्तर की सरकारी सेवाओं को एक नया आयाम दे रही है। इससे लोकतंत्र का मूल संदेश, ‘जनता की आवाज़ सर्वोपरि’ स्पष्ट रूप से सामने आया है।