

दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित ऐतिहासिक हुमायूं के मकबरे में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। मकबरे परिसर के भीतर एक कमरे की दीवार का हिस्सा अचानक गिर गया, जिससे 6 से 7 लोग मलबे के नीचे दब गए। यह घटना करीब शाम 4:30 बजे हुई, जिसकी सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस को अलर्ट किया गया।
एनडीआरफ और कैट्स एम्बुलेंस
New Delhi: दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित विश्व प्रसिद्ध हुमायूं के मकबरे में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया। मकबरे के परिसर में बने एक पुराने कमरे की छत और दीवार का हिस्सा अचानक गिर गया, जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 6 से 7 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और राहत-बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित ऐतिहासिक किले हिमायू के मकबरे के दीवार से लगकर फतेह दर्गा परिसर की अचानक 3 बजे लगभग दीवार गिरने से कुछ लोगों के दबने की खबर सामने आई मस्जिद में मौजूद और आसपास के लोगों ने बताया कि जिस समय यह घटना हुई उसे समय मस्जिद परिसर में 15 से 16 लोग मौजूद थे जिनको पुलिस वह आम नागरिक वह एनडीआरफ और कैट्स एम्बुलेंस के जवानों ने उनको निकाल कर अस्पताल भेजो
दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें शाम करीब 4:30 बजे घटना की सूचना मिली, जिसके बाद तुरंत 5 फायर टेंडर और बचाव दल मौके पर भेजे गए। फिलहाल राहत कार्य जारी है और मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग मकबरे के परिसर में मौजूद थे। एडवोकेट मुजीब अहमद ने बताया कि बारिश के चलते लोग बाहर की बजाय अंदर बने कमरों में चले गए थे। हादसे के वक्त कमरे में लगभग 15 से 20 लोग मौजूद थे। पहले छत गिरी, फिर उसके बाद दीवार भी ढह गई, जिससे हादसा और गंभीर हो गया।
मुजीब अहमद ने आरोप लगाया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की लापरवाही इस दुर्घटना की बड़ी वजह है। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड और दरगाह कमेटी कई बार ASI से छत की मरम्मत की अनुमति मांग चुके थे, क्योंकि छत से पानी रिस रहा था और उसमें दरारें आ चुकी थीं। लेकिन ASI ने मरम्मत करने की अनुमति नहीं दी।
हुमायूं का मकबरा एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो 16वीं सदी के मध्य में बनवाया गया था। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस हादसे ने न केवल लोगों की जान ली है, बल्कि देश की धरोहर की देखरेख को लेकर जिम्मेदार एजेंसियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।
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