

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को पूरे देश में एक साथ लागू करने का निर्णय लिया है। 10 सितंबर को दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक कर इस प्रक्रिया पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
SIR को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
New Delhi: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने घोषणा की है कि इस प्रक्रिया को पूरे देश में एक साथ लागू किया जाएगा। इस संदर्भ में 10 सितंबर को दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
चुनाव आयोग की तैयारी और दस्तावेजी मांग
चुनाव आयोग ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव अधिकारियों से दस महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इनमें वर्तमान मतदाताओं की संख्या, पिछली SIR की तिथि, डेटा की स्थिति, डिजिटाइजेशन की प्रगति, मतदान केंद्रों का युक्तीकरण, केंद्रों की कुल संख्या, अधिकारियों और BLOs की नियुक्ति और प्रशिक्षण की स्थिति शामिल है। यह जानकारी चुनाव आयोग को चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद करेगी।
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बिहार में SIR की प्रक्रिया जारी
बिहार में SIR की प्रक्रिया अभी जारी है और इसे 30 सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। चुनाव आयोग ने बिहार के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं क्योंकि राज्य में विधान सभा चुनाव इस वर्ष के अंत में प्रस्तावित हैं। बिहार में SIR का काम समय पर पूरा होना आवश्यक है ताकि आगामी चुनाव सुचारु रूप से हो सकें।
देशभर में SIR लागू करने की तैयारी
हालांकि चुनाव आयोग ने अभी पूरे देश में SIR लागू करने की आधिकारिक तारीख तय नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसे एक साथ पूरे देश में लागू किया जाएगा। बिहार के आदेशों में भी इस बात का उल्लेख है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 के अंतर्गत चुनाव आयोग को निर्वाचक नामावलियों के गहन पुनरीक्षण का अधिकार प्राप्त है। यह प्रक्रिया चुनाव नामावलियों की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
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10 सितंबर को होगी अहम बैठक
चुनाव आयोग ने दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारियों की बैठक 10 सितंबर को बुलाई है। इस बैठक में SIR की तारीख, प्रक्रिया, और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद देशभर में SIR की समय-सारणी जारी की जाएगी। SIR प्रक्रिया देश के चुनावी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए अहम कदम है। बिहार में इसे जल्द पूरा किया जा रहा है ताकि विधानसभा चुनाव में कोई बाधा न आए। पूरे देश में एक साथ इस प्रक्रिया को लागू करने का फैसला चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देगा। 10 सितंबर की बैठक के बाद ही अंतिम फैसला स्पष्ट होगा, जिससे चुनाव आयोग की रणनीति और बेहतर समझ में आएगी।