

बिहार चुनाव 2025 के करीब आते ही सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। विपक्ष ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाकर जनसमर्थन जुटा रहा है, वहीं यूपी मंत्री संजय निषाद के ‘बिहार में रावण’ वाले बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया, जिससे सियासी माहौल और अधिक गरमा गया है।
मंत्री संजय निषाद
Patna/Ghazipur: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ होता जा रहा है। जहां विपक्ष 'वोट चोरी' का आरोप लगाकर 'वोटर अधिकार यात्रा' के जरिए जनसमर्थन जुटा रहा है, वहीं भाजपा के सहयोगी और उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने एक विवादास्पद बयान देकर नई राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले के जमानिया क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने पहुंचे मंत्री संजय निषाद ने एक जनसभा के दौरान कहा, “बिहार में भी रावण है। भगवान राम ने जैसे लंका जाकर रावण का अंत किया, वैसे ही अब बिहार में भी बहार आ रहा है।” उन्होंने कहा कि राम के लंका जाने से पहले हनुमान गए थे और अब बिहार में भी वही परिवर्तन की बयार बह रही है। संजय निषाद ने आगे कहा कि अब कोई ‘कोवटवा-बिंदवा’ नहीं कहता, सब ‘निषाद राज’ कहते हैं। उन्होंने अपने समुदाय को संगठित करते हुए यह भी जोड़ा कि “हम भगवान राम के बाल सखा निषाद राज के वंशज हैं। हमें सिर्फ ‘पउवा’ (पैरों की ताकत) नहीं, बल्कि ‘पावर’ भी चाहिए – और ये पावर मोदी और योगी के पास है।”
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संजय निषाद के इस बयान ने बिहार की राजनीति में आग लगा दी है। विपक्षी दलों, विशेषकर राजद और कांग्रेस, ने इस बयान को बिहार की अस्मिता और जनता का अपमान बताया है। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि “बिहार रावण नहीं, विद्वानों की भूमि है।” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके सहयोगी बिहार के लोगों को नीचा दिखाने की राजनीति कर रहे हैं।
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एनडीए के नेताओं ने इस बयान को राजनीतिक रूप से सामुदायिक जागरूकता और एकजुटता की रणनीति बताया। भाजपा सूत्रों के अनुसार, संजय निषाद का उद्देश्य अपने निषाद समुदाय को एकजुट करना था, न कि बिहार का अपमान करना।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लगातार ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाकर चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 70-80 सीटों पर फर्जी वोटिंग करवाई और अब बिहार में भी वही साजिश रच रही है। तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार पूरी तरह जागरूक है और वोट चोरी को नाकाम करेगी।
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संजय निषाद का ‘रावण’ बयान और विपक्ष की ‘वोट चोरी’ यात्रा दोनों ही सियासी तापमान को बढ़ा रहे हैं। एक ओर भाजपा और उसके सहयोगी भावनात्मक और जातीय मुद्दों के सहारे मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं विपक्ष चुनावी नैरेटिव को जनता के अधिकारों और संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर केंद्रित करने का प्रयास कर रहा है। चुनाव करीब है और अब देखना ये होगा कि जनता किस नैरेटिव पर भरोसा जताती है — 'रावण' बनाम 'वोट चोरी'।