

दिल्ली सरकार ने घुमंतू समुदाय के सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की है, जिसमें उन्हें स्थायी आवास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस घोषणा के साथ साथ समुदाय के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
सीएम रेखा गुप्ता
New Delhi: दिल्ली सरकार ने घुमंतू समुदाय के सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित 'विमुक्त जाति दिवस' कार्यक्रम में यह घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार न केवल घुमंतू समुदाय के हर परिवार को स्थायी आवास प्रदान करेगी, बल्कि उनकी आजीविका के लिए भी उपयुक्त प्रबंध करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी इन परिवारों को बसाया जाएगा, वहां उनके लिए रोजगार के अवसर और हाट-बाजार जैसी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी, जिससे वे अपने जीवन को स्थिरता और सम्मान के साथ आगे बढ़ा सकें।
इस समुदाय का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान
रेखा गुप्ता ने कहा कि 78 सालों बाद भी घुमंतू समुदाय उपेक्षा और संघर्ष की कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है, जबकि इस समुदाय का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान था। हालांकि, पिछले दशकों में इन समुदायों के लिए कभी भी कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आ सके। अब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इस समुदाय के लिए स्थिरता और सम्मान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।
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घुमंतू समुदाय के लिए पहली बार हो रहा ऐसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि घुमंतू समुदाय के लिए स्थायी आवास उपलब्ध कराना दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अलावा इन परिवारों को अपनी सूचियों और दस्तावेज व्यवस्थित करने की सलाह दी गई। जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार है जब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मिलकर घुमंतू समुदाय के लिए इस प्रकार का प्रयास कर रहे हैं।
रोजगार और शिक्षा पर ज्यादा जोर
कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा, रवींद्र इंद्राज सिंह और अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस पहल से घुमंतू समुदाय को न केवल एक स्थिर जीवन मिलेगा, बल्कि यह कदम उनके सम्मान की बहाली की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इन समुदायों को सरकारी योजनाओं के तहत रोजगार और शिक्षा जैसे अन्य अवसर भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में लगभग 10 लाख मलयाली परिवार रहते हैं, जिन्होंने न केवल अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखा है, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध किया है।