

ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीनों सेनाओं के डीजीएमओ ने प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बताया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
तीनों सेनाओं के डीजीएमओ ने की प्रेस ब्रीफिंग
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले का कड़ा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। अब तीनों सेनाओं के डीजीएमओ ने प्रेस ब्रीफिंग करते हुए इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, ब्रीफिंग का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल एके भारती, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने किया। भारतीय सेना ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौ आतंकी ठिकानों पर 100 से ज़्यादा आतंकी मारे गए।
सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद नौ आतंकी ठिकानों की पहचान की गई। 7 मई की सुबह ऑपरेशन के दौरान नौ आतंकी ठिकानों पर 100 से ज़्यादा आतंकी मारे गए। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, "नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की गोलीबारी में पाकिस्तान ने 35-40 कर्मियों को खो दिया।"
उन्होंने कहा कि हमलों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे हाई वेल्यू वाले टार्गेट भी मारे गए। पहली रात जब पाकिस्तान ने ड्रोन हमला किया तो भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने उनमें से अधिकांश को रोक लिया और जवाबी हमला भी किया जिसमें पाकिस्तान के लाहौर में एक रडार प्रतिष्ठान नष्ट हो गया।
ऑपरेशन सिंदूर पिछले महीने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए 7 मई को शुरू किया गया था।
चार दिनों की लड़ाई के बाद, भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को अमेरिकी दबाव में संघर्ष विराम पर सहमति जताई, लेकिन कुछ ही घंटों में सीमावर्ती शहरों में विस्फोट होने लगे और भारत ने पाकिस्तान पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि पाकिस्तानी ड्रोन ने कई भारतीय वायुसेना प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। उन सभी को रोक दिया गया और जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ।
इसके साथ एयर मार्शल भारती ने कहा, "इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि जहां चोट पहुंचेगी, वहां हमला किया जाए... एक तेज, समन्वित, सुनियोजित हमले ने पूरे पश्चिमी मोर्चे पर हवाई ठिकानों, कमांड सेंटरों, बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। साथ ही एक स्पष्ट संदेश दिया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"