टैरिफ वॉर में कौन जीता और कौन हारा: भारत सहित इन देशों पर फूटा ये बम, देखें पूरी लिस्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने और रूस के साथ कारोबार करने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले से India-US ट्रेड डील पर संशय गहरा गया है। जहां भारत में निर्यातकों में चिंता है, वहीं वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश अमेरिका में अपने माल की मांग बढ़ने की उम्मीद में हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 31 July 2025, 1:14 PM IST
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New Delhi: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों को लेकर जारी कयासों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं, भारत के रूस के साथ व्यापार करने पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब भारत और अमेरिका के बीच एक संतुलित ट्रेड डील की उम्मीद की जा रही थी। ट्रंप की इस नई नीति के तहत अमेरिका ने भारत सहित कई देशों पर नए टैरिफ दरें लागू करने का निर्णय लिया है, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगी।

भारत को झटका, वियतनाम को बढ़त

जहां भारत में उद्योग जगत और निर्यातक इस फैसले से चिंतित हैं, वहीं वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में इस खबर को राहत के तौर पर देखा जा रहा है। वियतनाम पर केवल 20% टैरिफ लगाया गया है। जो भारत की तुलना में 5% कम है। इसके चलते अमेरिकी बाजार में वियतनाम के प्रोडक्ट्स को भारत के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। वियतनाम भारत के साथ कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और मरीन फूड जैसे सेक्टर्स में सीधी प्रतिस्पर्धा करता है। ऐसे में यह फैसला इन सेक्टर्स में वियतनामी निर्यातकों को बड़ा लाभ पहुंचा सकता है। वियतनाम पहले ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौता कर चुका है, जिससे उसकी सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स व्यवस्था अधिक सशक्त मानी जा रही है।

इंडोनेशिया और फिलीपींस भी फायदे में

इंडोनेशिया पर केवल 19% टैरिफ लगाया गया है और उसका कपड़ा, पाम ऑयल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पहले से अमेरिकी बाजार में मजबूत स्थिति में है। इसी तरह फिलीपींस को भी 19% टैरिफ रेट में रखा गया है, जिससे भारत की तुलना में उन्हें 1% की बढ़त मिलती है।

ट्रंप का यूटर्न क्यों चौंकाने वाला है?

अब से कुछ सप्ताह पहले तक डोनाल्ड ट्रंप और व्हाइट हाउस की तरफ से संकेत दिए जा रहे थे कि भारत पर टैरिफ 20% से नीचे रहेगा। ट्रंप ने कई बार यह कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक संतुलित ट्रेड डील संभव है और भारत को विशेष रियायतें दी जा सकती हैं। लेकिन अचानक आए इस फैसले से भारतीय कूटनीति और उद्योग दोनों सकते में हैं। टैरिफ के साथ रूस के साथ व्यापार पर जुर्माने की घोषणा, भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और विदेश नीति पर भी सवाल खड़े कर रही है। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट Truth Social पर पोस्ट करते हुए कहा कि "भारत और रूस दोनों की अर्थव्यवस्थाएं मर चुकी हैं, और ये साथ मिलकर उन्हें और नीचे ले जा सकते हैं। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।"

टैरिफ वॉर में कौन जीत रहा है, कौन हार रहा?

ब्राजील पर 50%
म्यांमार पर 40%
लाओस पर 40%
कंबोडिया पर 36%
थाईलैंड पर 36%
बांग्लादेश पर 35%
भारत पर 25%
वियतनाम पर 20%
इंडोनेशिया पर 19%
जापान पर 15%

पड़ोसी देशों की स्थिति और भारत की चुनौती

भारत के पड़ोसी बांग्लादेश और श्रीलंका की स्थिति इससे भी खराब है। बांग्लादेश पर 35% टैरिफ लगाया गया है, जिससे उसका गारमेंट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। वहीं, श्रीलंका के 1.9 अरब डॉलर के कपड़ा निर्यात पर अब 30% टैरिफ लग चुका है। इसके विपरीत भारत पर जहां 25% टैक्स लगाया गया है, वहीं अतिरिक्त जुर्माना भी उसे रूस के साथ व्यापार करने की कीमत चुकाने के रूप में देना पड़ रहा है। यह भारत के निर्यात लागत को और बढ़ाएगा, जिससे उसकी प्रतिस्पर्धा क्षमताएं कम हो सकती हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत इस टैरिफ को WTO में चुनौती दे सकता है या अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए समाधान की कोशिश कर सकता है। भारत सरकार ने यह भी दोहराया है कि वह अपने MSME और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।

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  • New Delhi

Published : 
  • 31 July 2025, 1:14 PM IST