

ईडी अब छांगुर से जुड़े यूपीआई ट्रांजैक्शन, अघोषित संपत्तियों, फर्जी कंपनियों और बैंक खातों की कड़ियों को जोड़ने में लगी है। अधिकारियों का मानना है कि धर्मांतरण की यह साजिश अकेले छांगुर की नहीं, बल्कि एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित नेटवर्क का हिस्सा है। जिसमें दुबई, पुणे, मुंबई और उत्तर प्रदेश के कई जिले शामिल हैं।
छांगुर ने विदेशी फंडिंग से किया इनकार
Lucknow News: देशभर में चर्चित अवैध धर्मांतरण मामले में आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हालांकि छांगुर ने विदेशी संस्थाओं से फंडिंग मिलने के आरोपों से साफ इनकार किया है, लेकिन उसने यह स्वीकार किया कि उसके खातों में जो मोटी रकम आई थी। उसका प्रमुख स्रोत नवीन रोहरा था। छांगुर ने यह भी माना कि नवीन ने दुबई में कंपनियां बनाकर इनसे नीतू और छांगुर को भी फंड ट्रांसफर किया, जिससे संपत्तियां खरीदी गईं। हालांकि नवीन के पास अचानक करोड़ों रुपये कहां से आए। इसका जवाब छांगुर नहीं दे सका।
संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में बड़ा नेटवर्क सक्रिय
छांगुर की पूछताछ में सामने आया कि वह और नवीन मिलकर पुणे में एक संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे थे। इसके लिए राजेश उपाध्याय नामक व्यक्ति, जो सीजीएम कोर्ट का बाबू है, उनकी रजिस्ट्री प्रक्रिया में मदद कर रहा था। बताया जा रहा है कि राजेश उपाध्याय से छांगुर की मुलाकात तहसील परिसर में हुई थी, जहां रजिस्ट्री से संबंधित बातचीत होती रही। पूछताछ के दौरान छांगुर लगातार खुद को निर्दोष बताता रहा और अवैध धर्मांतरण में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा। लेकिन दस्तावेज़ और वित्तीय लेन-देन के प्रमाण कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
63 करोड़ का लेन-देन
ईडी की जांच में पता चला है कि नवीन रोहरा और नीतू के बैंक खातों (बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी और एसबीआई) में कुल 63 करोड़ रुपये से अधिक की रकम आई थी, जिनमें से 2.55 करोड़ रुपये सीधे यूएई से भेजे गए थे। इनमें से करीब 4 करोड़ रुपये का उपयोग नीतू, नवीन और छांगुर के नाम पर संपत्तियां खरीदने में किया गया। हालांकि ईडी अब भी यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि इस रकम का कितना हिस्सा अवैध धर्मांतरण जैसे कार्यों में लगाया गया। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी संदेह है कि छांगुर ने यूपीआई और डिजिटल माध्यमों से भी बड़ी रकम प्राप्त की। जिसका इस्तेमाल धार्मिक परिवर्तन के लिए किया गया हो सकता है।
मुंबई में छांगुर के नेटवर्क की तलाश में एटीएस सक्रिय
इस पूरे मामले की जांच में उत्तर प्रदेश एटीएस भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। मंगलवार को एटीएस की एक टीम मुंबई रवाना हुई। जहां छांगुर के संपर्क में रहे चार युवकों की तलाश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो रिमांड के दौरान छांगुर ने एटीएस को जानकारी दी थी कि मुंबई में उसके कुछ सहयोगी अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में मदद कर रहे थे। फिलहाल इन चारों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन एटीएस को उम्मीद है कि जल्द ही इनके सुराग हाथ लग सकते हैं, जिससे पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जा सकेगा।