

पश्चिम बंगाल में आरजी कर डॉक्टर दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर एक साल पूरा होने पर भाजपा ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया, जो हिंसक झड़पों में बदल गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, पीड़िता की मां ने पुलिस पर बदसलूकी और न्याय से रोके जाने का भी आरोप लगाया। इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के दौरान पीड़िता की मां को चोटें भी आई हैं। पुलिस ने छह प्राथमिकी दर्ज की हैं, जबकि भाजपा नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को गंभीर बताया है।
आरजी कर केस के 1 साल पूरे होने पर कोलकाता में मार्च (Img: Internet)
Kolkata: पश्चिम बंगाल में आरजी कर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को एक साल पूरा होने पर एक बार फिर से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कोलकाता में इस मामले को लेकर भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए, जबकि कई प्रदर्शनकारी भी चोटिल हुए हैं। वहीं, पीड़िता की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। अब तक इस मामले में पुलिस ने छह प्राथमिकी दर्ज की हैं।
यह विरोध प्रदर्शन शहर के पार्क स्ट्रीट इलाके के पास जवाहरलाल नेहरू रोड पर हुआ। डॉक्टर के माता-पिता और विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में एक रैली निकाली गई थी। पुलिस ने इस रैली को रोकने के लिए जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम किए थे, लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की रोकथाम को तोड़ने की कोशिश की, तब दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई।
विरोध रैली को रोकने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे रोकने से इनकार कर दिया। इस रैली को 'नबन्ना अभिजन' नाम दिया गया था। इसके बावजूद टीएमसी सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और पुलिस ने संतरागाछी व रानी रश्मोनी एवेन्यू में प्रदर्शन की अनुमति देते हुए मुख्य सड़कों पर बैरिकेड्स और शिपिंग कंटेनर लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की तैयारी की।
पुलिस द्वारा निर्धारित जगह पर प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा न होने पर वे जवाहरलाल नेहरू रोड पर मार्च करने लगे। पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने पर लाठीचार्ज किया। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने ईंटें फेंकी और झंडे की लाठियों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बेरहमी और लाठीचार्ज का आरोप लगाया।
पीड़िता की मां के सिर में चोट आई है। भाजपा नेताओं और पुलिस ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। पीड़िता के माता-पिता ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए बताया कि मार्च के दौरान पुलिस ने उन पर लाठी बरसाई और पारंपरिक शंख टूट गया। उन्होंने सवाल उठाया कि वे न्याय की मांग के लिए नबन्ना तक पहुंचने से क्यों रोके जा रहे हैं।
प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस और आरएएफ की भारी तैनाती की गई, साथ ही कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर पानी की तेज बौछारें भी की गईं। इतना ही नहीं, इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्च भी किया और आंसू गैस के गोल भी दागे।
भाजपा नेताओं सहित विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्र पॉल और अन्य विधायकों ने पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू रोड पर धरना दिया। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि लाठीचार्ज में 100 से अधिक प्रदर्शनकारी, जिनमें आरजी पीड़िता के माता-पिता भी शामिल थे, घायल हो गए हैं। विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है, और मामले की गंभीरता ने राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ा दिया है।