Tirumala Tirupati Devasthanams: वेंकटेश्वर मंदिर में आएगी नई AI तकनीक, तीर्थयात्रियों की पहचान होगी सरल

तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लाखों श्रद्धालुओं को अब दर्शन के दौरान बेहतर AI तकनीक की सुविधा मिलने जा रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें TTD की AI तकनीक के बारे में

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 May 2025, 1:16 PM IST
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तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के लाखों श्रद्धालुओं को अब दर्शन के दौरान बेहतर सुविधाएं मिलने जा रही हैं। मंदिर का संचालन करने वाली मुख्य प्रबंधन संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) अब तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी को लागू करने की योजना बना रही है।

AI तकनीक से तीर्थयात्रियों की पहचान

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) जे श्यामला राव ने गुरुवार को इस महत्वपूर्ण कदम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन इन आधुनिक तकनीकों के माध्यम से तीर्थयात्रियों की पहचान प्रमाणित करेगा ताकि दर्शन की प्रक्रिया को और अधिक सुचारू, पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके। इसके साथ ही इससे प्रवेश प्रक्रिया में प्रतिरूपण और धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी।

ईओ राव ने कहा कि टीटीडी बाजार में उपलब्ध नवीनतम तकनीकी समाधानों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन तकनीकों की मदद से दर्शन के लिए समयबद्ध टोकन प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें भक्तों के चेहरे की विशेषताओं को पहचान कर टोकन जारी किए जाएंगे। यह प्रणाली विशेष रूप से दर्शन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और अनुशासित बनाने के उद्देश्य से लागू की जा रही है।

वेंकटेश्वर मंदिर (सोर्स-इंटरनेट)

वेंकटेश्वर मंदिर (सोर्स-इंटरनेट)

तकनीक टोकन

टीटीडी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, डुप्लिकेट बुकिंग को रोकने के लिए तीर्थयात्रियों की हाल की तस्वीरों - लगभग 10 लाख छवियों - का विश्लेषण किया जाएगा। इससे न केवल दर्शन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी बल्कि अधिक भक्तों को दर्शन करने का अवसर भी मिलेगा।

टीटीडी के अनुसार, यह तकनीक टोकन दिया जाएगा जिससे पहचान की प्रक्रिया को तेज़ और परेशानी मुक्त बनाएगी। यह मंदिर परिसर के विभिन्न हिस्सों - जैसे कतारों, प्रवेश द्वारों और मंदिर के आंतरिक क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों की संख्या को ट्रैक करने में भी मदद करेगी। इससे दर्शन के लिए लगने वाले औसत समय का अनुमान लगाने और तीर्थयात्रियों को पहले से सूचित करने में मदद मिलेगी।

एआई-सक्षम कैमरे

टीटीडी मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर एआई-सक्षम कैमरे लगाने की योजना बना रहा है, जो भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने, दर्शन के समय का अनुमान लगाने और प्रतीक्षा कर रहे लोगों को संभावित दर्शन समय के बारे में सूचित करने में सक्षम होंगे। इस सुविधा के माध्यम से, भक्त अपनी तीर्थयात्रा को व्यवस्थित और कुशल तरीके से योजना बनाने में सक्षम होंगे।

टीटीडी यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि विभिन्न श्रेणियों के तहत दर्शन के लिए लगने वाले समय का दर्शन प्रक्रिया में लगने वाले समय के अनुसार सटीक अनुमान लगाया जा सके। इससे परिचालन संबंधी खामियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी।

एआई और फेस रिकग्निशन तकनीक

इतना ही नहीं, एआई और फेस रिकग्निशन तकनीक के जरिए तिरुमाला में घुसपैठियों और अवांछित गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी। इन तकनीकों की मदद से संदिग्ध व्यक्तियों की सटीक पहचान और लोकेशन ट्रैकिंग संभव हो सकेगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और सख्त हो जाएगी।

अंत में ईओ राव ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में सभी टीटीडी सेवाओं में फेशियल रिकग्निशन तकनीक का विस्तार किया जाएगा, जिससे हर सेवा तकनीक-सक्षम और उपयोगकर्ता के अनुकूल हो जाएगी।

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