सुप्रीम कोर्ट ने आर्मी ऑफिसर सैमुअल कमलेसन की याचिका खारिज की, कहा–सेना में अनुशासन सबसे ऊपर

देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ईसाई आर्मी ऑफिसर सैमुअल कमलेसन की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने अपने नौकरी से निकाले जाने को चुनौती दी थी। कमलेसन को गुरुद्वारे में पूजा करने के आदेश को मना करने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 25 November 2025, 3:10 PM IST
google-preferred

New Delhi: देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ईसाई आर्मी ऑफिसर सैमुअल कमलेसन की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने अपने नौकरी से निकाले जाने को चुनौती दी थी। कमलेसन को गुरुद्वारे में पूजा करने के आदेश को मना करने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह भारतीय सेना में रहने के योग्य नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नए चीफ जस्टिस एस. सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कमलेसन की कार्रवाई आर्मी में अनुशासनहीनता का उदाहरण है। कोर्ट ने टिप्पणी की, "यह एक बड़ा मैसेज है-एक आर्मी ऑफिसर की ऐसी झगड़ालू प्रवृत्ति सेना के लिए स्वीकार्य नहीं है। ऐसे लोग मिलिट्री में रहने के लायक नहीं हैं।"

New Delhi News: नापाक पाक नहीं आ रहा बाज, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश, मिला करारा जवाब

सीनियर के आदेश को ठुकराया

कमलेसन तीसरी कैवलरी रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट थे। उन्हें गुरुद्वारे में पूजा करने के लिए अपने सीनियर का आदेश मानने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि उनका ईसाई धर्म उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देता। इसके बाद उन्हें मिलिट्री डिसिप्लिन तोड़ने के लिए बर्खास्त कर दिया गया।

हाईकोर्ट में भी याचिका खारिज

कमलेसन ने मई में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने आर्मी के निर्णय को सही ठहराया था। अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमलेसन एक सक्षम ऑफिसर हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान समय में इंडियन आर्मी के लिए मिसफिट हैं। अदालत ने कहा, "हम फोर्सेज़ पर भारी जिम्मेदारियों के बीच ऐसे झगड़ालू रवैये को बर्दाश्त नहीं कर सकते।"

वकील ने धर्म के अधिकार का तर्क रखा

कमलेसन की तरफ से सीनियर वकील गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत में तर्क दिया कि उनके क्लाइंट ने होली और दीवाली जैसे त्योहारों में भाग लेकर अन्य धर्मों के प्रति सम्मान दिखाया है। उन्होंने संविधान में धर्म मानने के अधिकार का हवाला भी दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस तर्क से सहमत नहीं हुआ।

New Delhi Railway Station Stampede: भगदड़ में जान गंवाने वालों के नाम और पते आये सामने, देखिये सूची

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि भारतीय सेना में अनुशासन और आदेश का पालन सर्वोपरि है। व्यक्तिगत धार्मिक मान्यताओं के कारण सेना के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारी को सेवा में बनाए रखना संभव नहीं माना गया। इस फैसले ने सेना में अनुशासन बनाए रखने की अहमियत को फिर से रेखांकित किया।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 November 2025, 3:10 PM IST

Related News

No related posts found.