बिहार SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: कहा- हम मतदाताओं के आंकड़ों को लेकर चुनाव आयोग से सवाल करेंगे

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विस्तृत आंकड़े और स्पष्टीकरण मांगा है। राजद, कांग्रेस और TMC समेत विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों का आरोप है कि लाखों वैध वोटरों को सूची से हटाया जा रहा है। कोर्ट ने आयोग से प्रक्रिया की पारदर्शिता साबित करने को कहा है। मसौदा सूची 1 अगस्त को जारी हुई थी, अंतिम सूची 30 सितंबर को आएगी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 12 August 2025, 1:58 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई की। यह प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा 24 जून को शुरू की गई थी। जिसमें राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का आरोप लगाया है।

अगली सुनवाई पर देंगे होंगे सबूत

मुख्य पीठ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्या बागची ने कहा कि चुनाव आयोग को ठोस आंकड़ों के साथ तैयार रहना होगा, क्योंकि अदालत अगली सुनवाई में मतदाताओं की संख्या, मृत घोषित मतदाता और हटाए गए नामों से जुड़े आंकड़ों पर सवाल उठाएगी।

क्या है मामला?

बिहार में 1 अगस्त को एक मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जबकि अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी होनी है। इस प्रक्रिया के खिलाफ विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि लाखों वैध मतदाताओं के नाम बिना सूचना के हटाए जा रहे हैं। मृत लोगों को जीवित और जीवित लोगों को मृत घोषित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया कई करोड़ नागरिकों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर सकती है।

कपिल सिब्बल ने क्या तर्क दिया?

राजद सांसद मनोज झा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, “एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव आयोग ने दावा किया था कि 12 लोग मृत हैं, लेकिन वे जीवित पाए गए। दूसरी जगहों पर जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। इससे नागरिकों के संवैधानिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।”

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने बचाव करते हुए कहा, “एसआईआर एक सामान्य प्रक्रिया है। इसमें गड़बड़ियों की संभावना रहती है, लेकिन यह केवल मसौदा सूची है, जिसे अंतिम सूची से पहले सही किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि गलतियां जानबूझकर नहीं की गई हैं और हर शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिए?

सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से कहा कि वह प्रक्रिया शुरू होने से पहले और अब की मतदाता संख्या की तुलना प्रस्तुत करे। मृतकों और हटाए गए नामों का आंकड़ा बताए। पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता साबित करने वाले दस्तावेज पेश करे।

किसने लगाई याचिका?

  • राजद: मनोज झा
  • तृणमूल कांग्रेस: महुआ मोइत्रा
  • कांग्रेस: केसी वेणुगोपाल
  • राकांपा (शरद पवार गुट): सुप्रिया सुले
  • भाकपा: डी. राजा
  • सपा: हरिंदर सिंह मलिक
  • शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट): अरविंद सावंत
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा: सरफराज अहमद
  • सीपीआई (एमएल): दीपांकर भट्टाचार्य

आगे क्या?

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि यदि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई, तो वह हस्तक्षेप करने से पीछे नहीं हटेगा। अब अगली सुनवाई में चुनाव आयोग को मौजूदा और पहले के आंकड़ों के साथ व्यापक रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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  • New Delhi

Published : 
  • 12 August 2025, 1:58 PM IST