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हरियाणा के भिवानी में 7 बार के नेशनल पैरा पावरलिफ्टिंग चैंपियन रोहित धनकड़ की हत्या ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया है। शादी समारोह में मामूली कहासुनी के बाद 15-20 बारातियों ने लोहे की रॉड और हॉकी स्टिक से उन पर हमला कर दिया। परिवार ने न्याय की मांग की है।
नेशनल चैंपियन रोहित धनकड़ (Img: Google)
Rohtak: हरियाणा के भिवानी में राष्ट्रीय स्तर के पैरा पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी और सात बार के सीनियर नेशनल चैंपियन रोहित धनकड़ की मौत ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। 28 वर्षीय रोहित धनकड़, जिन्होंने दो बार जूनियर पैरा नेशनल रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था, शादी समारोह में हुए विवाद के बाद बेरहमी से किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दो दिनों तक PGI रोहतक में चले इलाज के बाद बुधवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया।
दरअसल, यह घटना 27 नवंबर की शाम की है, जब रोहित अपने एक दोस्त के साथ उसकी बहन की ससुराल में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने भिवानी गया था। शादी के दौरान वरमाला कार्यक्रम में बारातियों के कथित अभद्र व्यवहार का रोहित और उसके दोस्त ने विरोध किया। इसी बात पर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जिसे वहां मौजूद लोगों ने समझदारी से शांत करवा दिया। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह मामूली विवाद एक खिलाड़ी की जान ले लेगा।
शादी समारोह समाप्त होने के बाद रात लगभग 10 बजे रोहित और उनका दोस्त रोहतक लौटने के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में 15 से 20 बारातियों ने सड़क पर उनकी गाड़ी को रोककर उन्हें घेर लिया। रोहित के दोस्त के मुताबिक, हमलावरों के पास लोहे की रॉड, हॉकी स्टिक और लकड़ी के डंडे थे। उन्होंने अचानक रोहित पर ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। गिरने के बाद भी हमलावर लगातार उन्हें पीटते रहे। इसी दौरान रोहित का दोस्त किसी तरह जान बचाकर वहां से भागने में सफल रहा और परिजनों को सूचना दी।
स्थानीय लोगों की मदद से रोहित को तुरंत भिवानी के सामान्य अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए उन्हें PGI रोहतक रेफर कर दिया गया। उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें थीं। डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद, रोहित की हालत बिगड़ती चली गई और दो दिन बाद आधी रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।
रोहित धनकड़ न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के उभरते हुए पैरा पावरलिफ्टर थे। उनके चाचा कप्तान सिंह बताते हैं कि रोहित ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था और कई पदक जीते थे। वह रोहतक जिले के हुमायूंपुर गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में जिम ट्रेनर के रूप में काम करते थे। आठ साल पहले पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर थी। परिवार ने रोहित की मौत को “सोची-समझी हिंसा” बताया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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भिवानी पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी देवेंद्र कुमार के अनुसार, हमलावर तगड़ाना गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को हिरासत में लिया है और हमले में इस्तेमाल की गई कार भी कब्जे में ले ली है। आरोपियों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
रोहित की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है। गांव के लोग और खेल जगत से जुड़े खिलाड़ी इस घटना से बेहद आहत हैं। परिवार ने सरकार से विशेष जांच, तेज कार्रवाई और रोहित की उपलब्धियों को सम्मान देने की भी मांग की है। खेल जगत ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।